Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई में देरी पर चिंता जताई है. कोर्ट ने सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 17 जून निर्धारित की है. वहीं कोर्ट ने कोर्ट ने मौखिक कहा है कि सीबीआई एमपी-एमएलए के लंबित केस के जल्द निष्पादन को लेकर गंभीर नहीं है.
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कोर्ट की चिंता
– एमपी-एमएलए के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में आरोप पत्र दायर होने के बाद आरोप गठन में 6 साल तक लग जाते हैं.
– ट्रायल पूरा होने में कई वर्ष लग जाते हैं, जिससे गवाहों में डर का माहौल बना रहता है.
– सीबीआई जैसी संस्था गवाहों को जल्द लाने में असफल साबित हो रही है.
सीबीआई की स्थिति
– राज्य में एमपी-एमएलए के 12 आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें रांची सिविल कोर्ट में 9 मामले और धनबाद कोर्ट में 3 मामले शामिल हैं.
– सीबीआई ने बताया कि ऑर्डर शीट का अध्ययन करने के बाद ट्रायल पूरा होने में देरी के कारणों की जानकारी दी जाएगी.
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