LagatarDesk : अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से गौतम अडानी को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. रिपोर्ट के आने के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में सुनामी आ गयी. शेयरों में बिकवाली का सबसे ज्यादा असर एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी की नेटवर्थ पर पड़ा. फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर्स इंडेक्स में चौथे पायदान पर मौजूद गौतम अडानी एका-एक सातवें नंबर पर आ गये हैं. गौतम अडानी को बीते पांच दिनों में कुल 2.30 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. आंकड़ों के अनुसार, बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन गौतम अडानी की कुल दौलत 121 अरब डॉलर थी, जो मौजूदा समय में 92.7 अरब डॉलर पर आ गयी है. इस तरह एक सप्ताह में अडानी की दौलत 28.3 अरब डॉलर यानी 2.30 लाख से ज्यादा घट गयी. (पढ़ें, यूपी के CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म, कांग्रेस ने हल्ला बोला)
दो दिनों में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 2.37 लाख करोड़ घटा
गौतम अडानी बीते साल 2022 में दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले बिजनेस मैन रहे. पिछले साल अडानी रईसों की लिस्ट में दूसरे पायदान पर पहुंच गये थे. लेकिन नया साल 2023 भारतीय उद्योगपति के लिए बेहद बुरा साबित हो रहा है. साल की शुरुआत में तो सब ठीक-ठाक था. लेकिन बीते 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप को काफी नुकसान झेलना पड़ा. महज दो दिनों में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 2.37 लाख करोड़ तक घट गया. इसके चलते गौतम अडानी की नेटवर्थ घटकर 100.4 अरब डॉलर पर पहुंच गयी.
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190 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ बर्नार्ड अरनॉल्ट पहले पायदान पर काबिज
मौजूदा समय में फ्रेंच बिलेनियर बर्नार्ड अरनॉल्ट हैं, जिनके पास 190 अरब डॉलर नेटवर्थ है. उसके बाद दूसरे नंबर पर टेस्ला सीईओ एलन मस्क 170.1 अरब डॉलर के साथ काबिज हैं. अमेजन के को-फाउंडर जेफ बेजोस 122.4 अरब डॉलर नेटवर्थ के साथ दुनिया के तीसरे सबसे अमीर इंसान हैं. वॉरेन बफे, बिल गेट्स और लैरी एलिसन पहले गौतम अडानी से पीछे थे. लेकिन उलटफेर के कारण सभी अडानी से ऊपर निकल गये. वहीं भारत के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी 81.52 अरब डॉलर के साथ दुनिया के 13वें सबसे अमीर कारोबारी हैं.
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हिंडनबर्ग की 30000 से अधिक शब्दों की रिपोर्ट ने मचाया कोहराम
दरअसल अमेरिकी रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी को 30000 से अधिक शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की थी. जिसमें 80 से अधिक सवालों के जवाब अडाणी ग्रुप से मांगे गये थे. इसके बाद से अडाणी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का दौर शुरू हुआ. रिपोर्ट में कहा गया है कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों की शेयर वैल्यू कंपनियों को वास्तविक वैल्यू से 85 प्रतिशत तक अधिक बताया गया है. इसके लिए अलग-अलग तरह के नाजायज तरीकों को अपनाया गया है. 25 जनवरी की शाम अडाणी ग्रुप ने हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट को तथ्यों से परे बताया. आरोप लगाया कि कंपनी के 20 हजार करोड़ की आईपीओ को नुकसान पहुंचाने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगाये गये हैं. इसके साथ ही अडाणी ग्रुप की तरफ से हिंडेनबर्ग रिसर्च के खिलाफ मुकदमा करने की चेतावनी भी दी गयी. अडाणी ग्रुप के स्पष्टीकरण के बाद 26 जनवरी को हिंडेनबर्ग की तरफ से एक बयान जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि अगर अडाणी ग्रुप मुकदमा करता है, तो इसके लिए वह तैयार है. बयान में यह भी कहा गया है कि हिंडनबर्ग अपनी रिपोर्ट पर कायम है. दो वर्षों तक रिसर्च करने के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है.
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