सरकार झारखंडियों को आपस में लड़ाने का काम कर रही
राज्य की आम जनता भी यह समझ रही है भाषा विवाद की इस ज्वाला में कौन कितना जलेगा. जिस प्रकार भाषा के नाम पर राज्य सरकार झारखंडियों को ही आपस में लड़ाने का काम कर रही है, उससे लोगों में सिर्फ और सिर्फ आक्रोश ही उत्पन्न होगा. मुख्यमंत्री समेत जेएमएम के अन्य मंत्री जान-बूझकर राष्ट्रभाषा हिंदी को हटाकर क्षेत्रीय भाषओं को थोपने का काम कर रही है. यदि राज्य सरकार को क्षेत्रीय भाषाओं को समृद्ध करना है तो प्राथमिक विद्यालय स्तर पर इसकी शिक्षा की व्यवस्था करे. आज नौकरी-पेशा के लिए निजी व सरकारी संस्थानों में हिंदी और अंग्रेजी ही मुख्य माध्यम है. इसे भी पढ़ें - ऋण">https://lagatar.in/banks-attitude-in-providing-loans-is-not-right-improve-the-system-hemant/">ऋणउपलब्ध कराने में बैंकों का रवैया ठीक नहीं, कार्यप्रणाली में सुधार करें : हेमंत wpse_comments_template

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