Ranchi: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक हुई. इसमें मनरेगा कर्मियों के हित, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और ग्रामीण रोजगार सशक्तिकरण पर व्यापक चर्चा हुई. मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि मनरेगा कर्मियों का मानदेय तत्काल 30 फीसदी बढ़ाया जाए, ताकि कार्मिकों की आर्थिक सुरक्षा और कार्य क्षमता को सुदृढ़ किया जा सके.
इंश्योरेंस के लिए अलग प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश
मंत्री ने मनरेगा कर्मियों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस, एक्सीडेंट इंश्योरेंस के साथ-साथ लाइफ इंश्योरेंस उपलब्ध कराने के लिए एक अलग प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया. साथ ही कार्मिकों के ग्रेड पे को लेकर भी विभाग को प्रस्ताव शीघ्र लाने के लिए कहा.
ग्रामीण जनता को रोजगार का जो अधिकार दिया गया है, उसकी मजबूती और निरंतरता सुनिश्चित करना सरकार की मुख्य प्राथमिकता है. इस बैठक में राज्यभर में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई और आने वाले समय में इसके और सशक्त क्रियान्वयन पर रणनीति तय की गई.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है
मंत्री बताया कि दीदी बाड़ी योजना के मजबूत होने से ग्रामीण महिलाओं को नई शक्ति मिली है और मनरेगा ने राज्य में रिकॉर्ड मैन-डेज निर्माण कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है. केंद्र सरकार द्वारा बिना तैयारियों के लागू की गई तकनीकी प्रणाली के कारण मटेरियल पेमेंट में हो रही देरी पर भी विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने भरोसा जताया कि विभाग केंद्र सरकार के साथ सकारात्मक समन्वय में काम कर रहा है और समस्या का समाधान जल्द मिलेगा.
मंत्री ने और क्या कहा
• झारखंड खनिज संपदा से समृद्ध है, लेकिन कृषि की विशाल संभावनाओं को भी मनरेगा के माध्यम से सशक्त किया जा सकता है.
• राज्य के जल–जंगल–जमीन की सुरक्षा में मनरेगा एक अत्यंत प्रभावी अधिकार है और इस दिशा में भी आवश्यक कदमों उठाए जाएंगे.
इन एजेंडों पर बाद में होगी चर्चा
• संविदाकर्मी का कार्यकाल 65 साल करने
• आउटसोर्सिंग से मदद नहीं लेने, कर्मियों को सीधे पैसा देने
• मनरेगा आयुक्त को अधिकार देने
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.



Leave a Comment