दूसरे देशों को भी भारत की मदद के लिए आना चाहिए क्योंकि भारत ने भी दूसरे देशों के प्रति उदारता दिखाई है
NewDelhi : देश में कोरोना संक्रमण की चेन रोकने के लिए बाइडेन प्रशासन के चीफ मेडिकल ऑफिसर और महामारी एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फाउची ने कुछ सुझाव दिये है. बता दें कि डॉ एंथनी फाउची वैश्विक रूप से कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर काम कर रहे हैं. डॉ. एंथनी फाउची ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण की चेन को रोकने के लिए 6 महीने का शटडाउन करने की जरूरत नहीं है. उनका मानना है कि अस्थायी शटडाउन का उपाय कारगर हो सकता है.
डॉ. फाउची सात अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके हैं
जान लें कि डॉ. फाउची सात अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि किसी को भी यह पसंद नहीं आयेगा कि देश को बंद किया जाये. डॉ फाउची ने जोर दिया कि भारत में कुछ सप्ताह का लॉकडाउन संक्रमण की चेन तोड़ सकता है. डॉ फाउची ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए तत्काल, मध्यवर्ती और लंबी अवधि में किये जाने वाले उपायों के तीन चरणों का जिक्र करते हुए कहा कि मैं आलोचना में नहीं फंसता, यह मेरा काम नहीं.
डॉ फाउची से पूछा गया कि यदि आप मोदी सरकार में होते तो देश में संक्रमण को रोकने के लिए क्या कदम उठाते?    डॉ. फाउची का जवाब था कि सबसे पहले तो मैं इस आलोचना में शामिल नहीं होता कि भारत ने इस पूरे मामले को कैसे संभाला है. ऐसा करने से यह राजनीतिक मुद्दा बन जाता. मैं ऐसा नहीं करना चाहता क्योंकि मैं हेल्थ फील्ड से जुड़ा हूं और मैं कोई राजनेता नहीं हूं.
वैक्सीन लगाना एक उपाय लेकिन इसका असर देर से
डॉ. फाउची ने कहा कि पहले यह देखना होगा कि तुरंत आप कौन से कदम उठा सकते हैं.  या इसके बाद अगले दो सप्ताह में कौन से कदम उठा सकते हैं.कहा कि लोगों को वैक्सीन लगाना एक उपाय हो सकता है. यह जरूरी भी है लेकिन फिलहाल यह लोगों की ऑक्सीजन, अस्पताल में एडमिट होने और इलाज से जुड़ी मौजूदा समस्या को कम नहीं करेगा.  इसकी वजह है कि वैक्सीन का असर होने में समय लगता है. 
डॉ. फाउची ने कहा, वर्तमान में लोगों का ख्याल रखना जरूरी है. मुझे लगता है कि एक कमीशन या इमरजेंसी ग्रुप बनाना चाहिए जो ऑक्सीजन प्राप्त करने, अन्य मेडिकल सप्लाई, दवाइयां, उपकरणों की सप्लाई से जुड़ी प्लानिंग कर सके. इस काम में अन्य देशों के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद ली जा सकती है. ऐसे में दूसरे देशों को भी भारत की मदद के लिए आना चाहिए क्योंकि भारत ने भी दूसरे देशों के प्रति उदारता दिखाई है.
लंबी अवधि में वैक्सीन ही कारगर
इसके बाद मध्यवर्ती उपाय हो सकता है कि आप चीन की तरह काम करें. कहा कि चीन ने कुछ सप्ताह के अंदर ही अस्थायी अस्पताल तैयार कर लिये थे. भारत में भी लोग अस्पताल और इलाज ढूंढ रहे हैं. इसमें अमेरिका की तर्ज पर सेना की मदद ली जा सकती है.  बताया कि अमेरिका ने वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन में नेशनल गार्ड की मदद ली थी. डॉ. फाउची ने कहा कि लंबी अवधि में लोगों को वैक्सीन लगवाने पर ही उनका जोर रहता. 
कहा कि भारत जैसे अधिक आबादी वाले देश में अभी महज दो परसेंट लोगों को ही वैक्सीन लग पायी है. यह स्थिति बहुत गंभीर है. आपको अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगवानी होगी. इसके लिए वैक्सीन की सप्लाई बढ़ानी होगी. वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से बातचीत कर कॉन्ट्रैक्ट करना होगा. भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना है.
 
                 
                                                             
                                         
                                 
                                             
                                         
                                         
    
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