Ranchi: आदिम जनजाति की नाबालिग लड़कियों को कौशल विकास के नाम पर बहला-फुसला कर रांची लाने के मामले में CWC रांची की ओर से कार्रवाई की जा रही है. प्लानेट इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रशिक्षण केंद्र बूटी मोड़ में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग स्कॉट द्वारा छापेमारी की जा रही है. प्राप्त सूचना के अनुसार, छापेमारी दल का नेतृत्व एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट रांची की अधिकारी दुर्गा कर रही हैं. टीम में चाइडलाइन रांची टीम के सदस्य और पुलिसकर्मी मौजूद हैं.
मामले को दबाने में लगा है तंत्र
मिली जानकारी के अनुसार, सीडब्लूसी और चाइल्डलाइन में दर्ज मामले को दबाने में कई प्रभावशाली लोग लग गए हैं, ताकि कौशल विकास के नाम पर की जा रही कालगुजारी लोगों के बीच ना आये. मामले को रफा-दफा करने में प्रभावशाली लोग जोर आजमा रहे हैं. इस बीच पुख्ता सूत्रों के अनुसार, एजेंसी के द्वारा लातेहार सहित अन्य सभी स्थानों की नाबालिग लड़कियों को सेंटर से कहीं और भेज दिया गया है. लातेहार की छह आदिम जनजाति की लड़कियों को वापस उनके गांव भेजे जाने की बात सामने आ रही है.
प्लानेट इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के केंद्र पर करीब 7 बजे छापेमारी
प्राप्त सूचना के अनुसार, लातेहार जिले की आठ लड़कियों को रांची लाने के मामले CWC एवं चाइल्डलाइन रांची ने मामला दर्ज किया गया था. जानकारी के अनुसार, प्रशिक्षण देने वाली एजेंसी जेएसएलपीएस में इंपैनलमेंट है. लातेहार से बहला-फुसला कर लाई गई लड़कियों के बयान के आधार पर कर्रावाई की जा रही है. पीड़ित लड़कियों ने कहा था कि कौशल विकास के नाम पर आठ लड़कियों को फरवरी माह में रांची लाया गया था. जिसमें अधिकांश लड़कियों के परिजनों की सहमति नहीं ली गई थी. लड़कियों को 13 हजार प्रति माह प्रशिक्षण के दौरान देने की बात कही गई थी. वहीं दो पीड़ित लड़कियों को बोर्ड की परीक्षा देनी है. उन्हे परीक्षा देने के लिये जाने नहीं दिया गया. प्लानेट के प्रशिक्षण सेंटर पर पुलिस एवं चाइल्डलाइन की टीम ने बच्चों को रेस्क्यू किया.
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