LagatarDesk : कोरोना की दूसरी लहर भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है. वहीं इस महामारी से फैशन रिटेलर्स को काफी नुकसान होगा. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण कई राज्यों में आंशिक लॉकडाउन लगाया गया है. जिसका असर सबसे अधिक फैशन रिटेलर्स पर पड़ेगा. इक्रा की रिपोर्ट में यह कहा गया है. फैशन रिटेलर फाइनेंशियल ईयर 2023 के बाद ही प्री कोविड स्तर पर पहुंच पायेगी. यानी फैशन रिटेलरों को रिकवर करने में दो साल लग जायेंगे. हालांकि 2021- 22 में 23 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है. लेकिन यह वृद्धि कारोबार को कोरोना के स्तर में ले जाने के लिए काफी नहीं है.
दिसंबर 2020 में इंडस्ट्री की बिक्री प्री कोविड लेवल पर
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि दिसंबर 2020 में फैशन इंडस्ट्री की बिक्री प्री कोविड लेवल का 70 फीसदी के करीब था. लेकिन मार्च 2021 में कोरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण फैशन इंडस्ट्री फिर से प्रभावित हुआ है.
ऑनलाइन बिक्री में 50 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
इक्रा की फैशन रिटेल क्षेत्र की प्रमुख साक्षी सुनेजा का कहना है कि कारोबारियों ने कॉस्ट बचाने के लिए कई तरीके अपनाएं हैं. इसके अलावा उन्होंने किराये, वेतन और अन्य खर्चों को भी तर्कसंगत बनाने पर जोर दिया है. इससे उद्योगों का मार्जिन चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है. हालांकि यह मार्जिन 2019- 20 के मुकाबले कम रहेगा. भारत में ऑनलाइन रिटेलिंग को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया है. ऑनलाइन बिक्री में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.