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रेलवे ने सतर्कता नहीं बरती तो घर-घर हो सकता है संक्रमण, कर्मी और परिजन मिलाकर करीब 500 लोग संक्रमित

Ranchi : रेलवे ने अपने कर्मियों में जागरूकता नहीं फैलायी तो इसके कॉलोनियों के घर-घर कोरोना घुस जाएगी. अब तक रेलवे के 500 कर्मी और उनके परिजन संक्रमित हो चुके हैं. गुरुवार को भी तीन कर्मियों के परिजनों की मौत हुई है. बढ़ते संक्रमण के कारण रेल मंडल की सीमित व्यवस्था और भी लाचार होती जा रही है. गुरुवार को आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव सिंह की माता का निधन हो गया. उनका इलाज रिम्स में चल रहा था. एक अन्य रेलकर्मी वी कृष्णाराव की भी मां ने देर रात अंतिम सांस ली. रेलवे अस्पताल और अन्य अस्पतालों में कई मरीजों की स्थिति गंभीर है.

लापरवाही के कारण कोरोना मरीजों में हुई वृद्धि

कई मामलों में संक्रमित परिजनों और कर्मियों के लापरवाही बरतने के कारण भी कोरोना मरीजों में वृद्धि हो रही है. इससे संक्रमण रूकने का नाम नहीं ले रहा. इसका कारण है कि संक्रमित रेल कर्मी और उसके परिजन संक्रमण के पहले चरण के लक्षण को हल्के में ले रहे हैं. पहले तीन-चार दिनों तक स्वयं उपचार करते हैं. जब स्थिति बिगड़ती है तो अधिकारियों से गुहार लगाते हैं. जिसके कारण भी स्थिति और बिगड़ रही है.

अनुबंध पर चिकित्सकों और पारा मेडिकल कर्मियों की बहाली की गयी है

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने संक्रमण से निपटने के लिए अनुबंध पर चिकित्सकों और पारा मेडिकल कर्मियों की बहाली की है. जिसे कुछ राहत मिली है. लेकिन घर में कर्मियों और परिजनों की लापरवाही मामलें को बढ़ा रही है. रेल मंडल रांची के अस्पताल में गंभीर कोरोना संक्रमितों के लिए दो वेंटीलेटर भी उपलब्ध हैं. लेकिन इसे ऑपरेट करनेवाला टेक्नीशियन का अभाव है. मंडल की ओर से इसके टेक्नीशियनों को बहाल करने के लिए प्रयास भी किया गया. लेकिन एक भी टेक्नीशियन नहीं मिल पाया. परिणाम स्वरूप दोनों वेंटीलेटर धूल फांक रहे हैं. हालांकि रेल अधिकारी बढ़ते संक्रमण पर सीधा कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं. लेकिन हटिया और रांची दोनों ही जगह रेलवे कॉलोनियों में संक्रमण बढ़ने से कर्मियों में डर बढ़ रहा है.

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