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DGP नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी, व्यक्तिगत टिप्पणी छोड़कर मुद्दों पर बात करे सरकारः भाजपा

Ranchi: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने डीजीपी अनुराग गुप्ता के समर्थन में झामुमो द्वारा दिए गए बयान प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झामुमो के प्रवक्ता मूल मुद्दों पर जवाब देने के बजाय केवल बाबूलाल मरांडी पर व्यक्तिगत कटाक्ष किया. इससे यह स्पष्ट होता है कि झामुमो भी इस सच्चाई को स्वीकार कर चुका है कि अनुराग गुप्ता की झारखंड के डीजीपी के रूप में नियुक्ति पूरी तरह असंवैधानिक है. वे गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया में यूपीएससी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह एक संवैधानिक संस्था है और सुप्रीम कोर्ट ने इसे डीजीपी चयन प्रक्रिया के लिए अधिकृत किया है.

नियमों की हुई है अनदेखी

यूपीएससी के सदस्य को चयन पैनल में शामिल किए बिना डीजीपी की नियुक्ति करना संविधान का सीधा उल्लंघन है. प्रकाश सिंह केस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि डीजीपी की नियुक्ति केवल यूपीएससी पैनल की सिफारिशों के आधार पर ही होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस संवैधानिक उल्लंघन को छिपाने के लिए गोल-मोल बातें कर रही है, जबकि यह एक गंभीर मामला है और इस पर पारदर्शी जवाब दिया जाना चाहिए.

सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने की शक्ति केंद्र के पास

अजय साह ने कहा कि डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए सेवा विस्तार या सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने की पूरी शक्ति केंद्र सरकार के पास होती है. हालांकि, झामुमो प्रवक्ता ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे केवल तथ्यों को तोड़-मरोड़कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा शासित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में हाल ही में डीजीपी की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप यूपीएससी पैनल के माध्यम से की गई है. जेएमएम प्रवक्ता को उत्तर प्रदेश का ठीक से अध्यन करना चाहिए. उत्तर प्रदेश सरकार ने नियमविरुद जाकर डीजीपी की ऐसी कोई भी नियुक्ति नहीं की है. झारखंड सरकार लगातार संवैधानिक प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है. ऐसा प्रतीत होता है कि हेमंत सरकार खुद को संविधान और सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर मान रही है और अपने फैसलों में कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी तरह दरकिनार कर रही है. इसे भी पढ़ें – अवैध">https://lagatar.in/foreign-minister-said-in-rajya-sabha-the-issue-of-deporting-illegal-immigrants-is-not-new-747-were-sent-in-2009/">अवैध

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