सिंहभूम में माइनिंग का खेल-2: जिले में सिर्फ 30 क्रशर को लाइसेंस, अकेले पोटका प्रखंड क्षेत्र में कैसे चल रहे दो दर्जन से अधिक क्रशर?
अवैध खनन से प्रकृति को हो रहा नुकसान: करूणामय मंडल
[caption id="attachment_255137" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="200" /> करूणामय मंडल.[/caption] सामाजिक कार्यकर्ता सह पूर्व जिला परिषद सदस्य करूणामय मंडल ने पोटका क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर नाराजगी एवं चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में प्राकृतिक रुप से हरा-भरा रहने वाला पोटका क्षेत्र आज उजड़ा-उजड़ा सा नजर आ रहा है. इसका प्रमुख कारण वैध-अवैध खनन है. वैध खनन की आड़ में अवैध खनन भी तेजी से हो रहा है. पत्थर खनन के कारण लाखों पेड़ों को नुकसान पहुंचा. कई खेत बर्बाद हो गए. इससे प्रकृति को काफी नुकसान पहुंचा है. अवैध खनन के संबंध में पूर्व में कई बार शिकायतें की गई. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण खनन कार्य में संलग्न लोग निर्बाध रूप से अपना काम करते जा रहे हैं. अगर इसपर जल्द रोक नहीं लगी तो पोटका क्षेत्र वीरान हो जाएगा.
अवैध खनन के खिलाफ लोगों को गोलबंद होने की जरूरत: जयराम हांसदा
[caption id="attachment_255140" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="200" /> जयराम हांसदा.[/caption] पोटका के सामाजिक कार्यकर्ता सह कांग्रेस नेता जयराम हांसदा ने कहा कि स्थानीय बुद्धिजीवी एवं सामाजिक लोग अवैध खनन के खिलाफ हैं. वैध खनन की आड़ में अवैध खनन तेजी से हो रहा है, जिसपर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि थोड़े से राजस्व के लिये क्षेत्र की हरियाली को नष्ट किया जा रहा है. अवेध खनन के कारण ही कुकुरमुत्ते की तरह क्रशर खुल गए हैं. जिससे प्राकृतिक वातारण खराब हो रहा है. डस्ट से खेत बंजर होते जा रहे हैं. कृषि प्रभावित हो रही है.
कांग्रेस नेता सुबोध सिंह सरदार की शिकायत पर कालिकापुर में माइंस हुआ था सील
[caption id="attachment_255143" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="200" /> सुबोध सिंह सरदार.[/caption] पोटका प्रखंड के कालिकापुर में तीन साल पहले खनन नियमों का उल्लंघन कर हो रहे कार्य को कांग्रेस नेता सह पूर्व विधानसभा प्रत्याशी सुबोध सिंह सरदार की शिकायत पर सील किया गया था. जिससे खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया था. सुबोध सिंह सरदार ने बताया कि खनन विभाग की मिलीभगत से कालिकापुर में रिहायशी इलाके में ड्रील कर पत्थर निकालने एवं ब्लास्ट करने की अनुमति प्रदान कर दी गई थी. उस क्षेत्र से हाई वोल्टेज बिजली का तार-पोल भी गुजरा था. शिकायत के बाद तत्कालीन एडीसी ने मामले की जांच की. जिसमें आरोप सत्य पाया गया. एडीसी ने तत्कालीन डीएमओ को इसके लिये फटकार भी लगाई. जिसके बाद माइंस संचालक को नोटिस जारी कर खनन कार्य बंद करने का निर्देश दिया गया. सुबोध सिंह सरदार ने बताया कि एक बार फिर पोटका क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खनन कार्य किया जा रहा है. जिसका विरोध किया जाएगा. इसे भी पढ़ें: पूर्वी">https://lagatar.in/mining-game-one-in-east-singhbhum-the-new-ones-are-also-extracting-oil-from-the-stone/">पूर्वी
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