New Delhi : जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को और राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ को सांसदों दवारा एक पत्र सौपा गया है. खबरों के अनुसार लोकसभा स्पीकर को 145 सांसदों के हस्ताक्षर वाला पत्र मिला है.
#WATCH | Rajya Sabha Chairman and Vice President Jagdeep Dhankhar informs the House that a Notice of Motion for the impeachment of Justice Yashwant Varma, signed by 50 Rajya Sabha MPs, have been presented to him today. Law Minister Arjum Ram Meghwal says that about 152 Lok Sabha… pic.twitter.com/dPTalTsGLL
— ANI (@ANI) July 21, 2025
पत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की सिफारिश की गयी है. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को भी सांसदों ने पत्र दिया है. बता दें कि महाभियोग प्रस्ताव लाने की मांग करने वाले सांसदों की कुल संख्या 145 पर पहुंच गयी है.
इससे पूर्व संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को जानकारी दी थी कि 100 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं. ये सांसद चाहते हैं कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया जाये. रिजिजू ने कहा था कि फिलहाल सांसदों के हस्ताक्षर कराये जा रहे हैं.
अब 145 सांसद महाभियोग के समर्थन में आ गये हैं. रिजिजू से यह पूछे जाने पर कि महाभियोग की प्रक्रिया कब शुरू होगी? उनका जवाब था कि यह अकेले सरकार का काम नहीं है. यह प्रक्रिया सभी दलों की सहमति पर शुरू होगी.
अहम बात यह कि लोकसभा स्पीकर को पत्र सौंपने वाले सांसदों में टीडीपी, कांग्रेस, जेडीयू, जेडीएस, जनसेना पार्टी, शिवसेना, सीपीएम के सांसद शामिल हैं. एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले सहित भाजपा से अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी और पीपी चौधरी आदि संसदों ने नेताओं ने हस्ताक्षर किये हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी महाभियोग का समर्थन करने वालो में शामिल हैं. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी साइन किया है. कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने पहले ही कह चुके हैं कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को हमारा पूरा समर्थन है.
महत्वपूर्ण बात यह है कि कैश कांड में घिरे जस्टिस वर्मा पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल की उस रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं, जिसके आधार पर महाभियोग की कार्रवाई शुरू की जा रही है.
जस्टिस वर्मा के अनुसार इन-हाउस पैनल ऐसी सिफारिश नहीं कर सकता. एक बात और कि इस मामले में औपचारिक शिकायत न होने और जांच प्रक्रिया के दौरान उनका पक्ष न लिये जाने की दलील भी जस्टिस यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दी है.
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