Pravin/Arvind
Ranchi :राज्य के ग्रामीण अंचलों की बड़ी आबादी कुपोषण का शिकार है. राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण के अनुसार झारखंड के 42.9 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं. यह संख्या देश में सर्वाधिक है. इस समय एनीमिया से झारखंड के 69 प्रतिशत बच्चे और 65 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित हैं. सरकार राज्य ने माताओं, बच्चों और किशोरियों के स्वास्थ्य में सुधार कर कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ एक हजार दिन के महाअभियान शुरू करने की बात मार्च 2021 में की थी. इसके बाद भी राज्य के 34, 800 आंगनबाड़ी केन्द्रों पंजीकृत बच्चों,महिलाओं को टेक होम राशन नहीं मिल रहा है. 2021 में मात्र दो माह का ही टीएचआर लाभुकों को मिल सका है. टीएचआर के नाम पर खूंटी जिले में चावल,दाल और सड़े हुए आलू बांटे गये.ऐसे में सरकार के द्वारा घोषित कुपोषण के खिलाफ जंग मात्र घोषण के रूप में ही जान पड़ती है.लगातार न्यूज ने आंगनबाड़ी केन्द्र में टीएचआर नहीं मिलने की सूचना पर खूंटी जिला के आंगनबाड़ी का जायजा लिया.
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तय मात्र में टीएचआर नहीं मिलने की शिकयत की
आंगनवाड़ी केंद्रों में टीएचआर तय मानक के अनुरुप नहीं दिये जा रहे हैं.लाभुकों के द्वारा बताया गया कि 2021 में मात्र दो बार ही टीएचआर दिया गया है. जिसकी गुणवत्ता मनकों के अनुरूप नहीं थी. जिला के कर्रा प्रखंड में 1135 धात्री महिला, 1098 गर्भवती महिला, 7 माह से 3 साल के 5920 बच्चे जबकि 3 साल से 6 साल तक के 4318 बच्चें प्रखंड के कुल 210 आंगनबाड़ी और 35 मिनी आंगनबाड़ी में पंजीकृत हैं.
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कुपोषण जंग जारी… चावल, दाल और सड़े आलू
खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के जम्हार एवं कुरीद, पहाड़ टोली, जलटंडा आंगनबाड़ी सेंटर का जायजा लिया. पहाड़ टोली की सेविका सुनीता देवी है. उन्होंने बताया कि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के साथ-साथ 6 माह से 3 साल तक के बच्चों को भी टेक होम राशन दिए जाने का प्रावधान है. जनवरी से दिसंबर के बीच मात्र दो बार ही टेक होम राशन दिया गया. सेंटर में 6 से 3 साल तक के 32 बच्चे हैं. 3 से 6 साल के बीच के 18 बच्चे.8 गर्भवती एवं 12 धात्री माताएं सेंटर में पंजीकृत हैं.पहाड़ टोली आंगनबाड़ी सेंटर 4 बच्चे कुपोषित चिह्नित किए गए हैं. सोदी सांगा का बेटा शुकरो उम्र 26 माह,सुमन सांगा की बेटी करमीला सांगा उम्र 24 माह, शांति कंडीर की बेटी शिल्पा सांगा उम्र 26 माह, पोलीना डोडराई की बेटी एलीना सांगा उम्र 27 माह कुपोषित हैं.
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जलटंडा आंगनबाड़ी सेंटर का भवन नहीं है
जलटंडा आंगनबाड़ी सेंटर की सेविका पोलीना डोडराई कहती है कि जलटंडा आंगनबाड़ी का भवन नहीं है. सेंटर में तीन से 6 साल के 18 बच्चे हैं, 6 माह से 3 वर्ष के 32 बच्चे, 8 गर्भवाती महिलायें और 12 धात्री माताएं पंजीकृत हैं. सेंटर में 4 बच्चे कुपोषित भी हैं. 2021 में जनवरी से दिसंबर के बीच मात्र दो बार टीएचआर दिये गये.टीएचआर के नाम पर चावल दाल और सड़े हुए आलू दिये गये थे. जेएसएलपीएस की महिला समूह टीएचआर देती है. कोरोना काल में भी खानापूर्ति के लिये टीएचआर का वितरण किया गया.महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के तहत समेकित बाल विकास योजना अंतर्गत टेक होम राशन योजना में राशन वितरण में कोताही बरती जा रही है. निर्धारित मापदंड के अनुसार लाभुकों को टेक होम राशन की आपूर्ति नहीं की जा रही है.
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टीएचआर देने का जिम्मा जेएसएलपीएस की महिला समूह को
बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित उक्त योजना में सामग्री की आपूर्ति झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाइटी के द्वारा की जा रही है, जिसमें गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए प्रतिमाह चावल 2.5 किलो, अरहर दाल 7.50 ग्राम, मूंगफली 1 किलो, गुड़-625 ग्राम, जबकि आलू 3.250 किलो यानी कुल 8 किलो राशन दिया जाना है.वही 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को चावल 1.250 किलो, अरहर दाल 7.500 सौ ग्राम, मूंगफली 7.50सौ ग्राम, 7.50तथा आलू.2.500 किलो कुल 6 किलो.इसी प्रकार कुपोषित बच्चों के लिए चावल 1. 875 ग्राम अरहर दाल, 875 ग्राम मूंगफली,सवा किलो 6.25 ग्राम, काबली चना 6.25 ग्राम तथा आलू ढाई किलो दिया जाना है.उपरोक्त सभी वस्तुओं को आपूर्तिकर्ता के द्वारा अलग अलग पैकेट मे आंगनवाड़ी केंद्रों में उपलब्ध कराया जाना है जो नहीं किया जा रहा है.
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क्या कहते हैं समाज कल्याण निदेशक अंजनी डोडे और जेएसएलपीएस के सीईओ नैन्सी सहाय
समाज कल्याण निदेशक अंजनी डोडे से जब आईसीडीएस सेंटर में टीएचआर उपलब्ध नहीं कराये जाने को लेकर किये गये सवाल के जबाब में कहा कि केंद्र सरकार की ओर से चार या पांच माह का आवंटन प्राप्त हुआ है, जितना आवंटन प्राप्त हुआ है वह निर्गत कर दिया गया. वहीं जेएसएलपीएस के सीईओ नैन्सी सहाय से आंगनवाड़ी केंद्रों में टीएचआर को लेकर सवाल किये गये तो उन्होनें कहा कि इस सबंध में जानकारी प्राप्त कर सूचित करती हूं.