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रिम्स के कर्मी ने की 20 हजार रुपए की मांग, “पैसा दोगे तो मिलेगी अच्छी बेड” वार्ड से हटाने का भी डाला दबाव, देखें तस्वीरें

Ranchi: जब इंसान के अंदर की मानवीय संवेदना खत्म हो जाये तो वो इंसान रहता ही नहीं है. इस विषम परिस्थिति में जहां कुछ लोग संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद कर रहे हैं. तो वहीं कुछ इस आपदा की घड़ी में अवसर की तलाश कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है. रांची के धुर्वा के रहने वाले जयप्रकाश प्रसाद की पत्नी मीना देवी कोरोना संक्रमित पायी गईं. मीना को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. परिजन आनन-फानन में उसे लेकर रिम्स पहुंचे. 26 अप्रैल को उन्हें रिम्स के COT के रीजनल जिरियाट्रिक सेंटर में बने कोविड वार्ड में भर्ती किया गया. दो-तीन दिन तक मरीज को यहां रखने के बाद वार्ड से हटा देने का दबाव दिया जाने लगा.

फोटो- 1 और 2 मीडिया के कैमरे को देखते ही भागने लगा 20 हजार की मांग करने वाला रिम्स कर्मी 3 वार्ड के बाहर खड़े मरीज के परिजन

रिम्स के एक कर्मी पर परिजन ने लगाया आरोप

मरीज के पति ने रिम्स के ही एक कर्मी पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उनसे 20 हजार रुपए की मांग की गयी है. रिम्स का वो कर्मी कह रहा था कि पैसा दो तभी इस वार्ड में रहने दिया जाएगा. नहीं तो दूसरे वार्ड में मरीज को भेज देंगे. पैसे नहीं देने के कारण आखिरकार मेरी पत्नी को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. उन्होंने कहा कि उस वार्ड की स्थिति काफी खराब है. ना तो पंखा चल रहा है ना ही ऑक्सीजन ठीक ढंग से सप्लाई हो रहा है. डॉक्टरों का रवैया भी ठीक नहीं है. मजबूरन अपनी पत्नी को लेकर रिम्स से जा रहा हूँ.

सीनियर डॉक्टर मरीज को झांकने तक नहीं आते

वहीं हजारीबाग जिले के रहने वाले ब्रजेश ओझा भी कोरोना संक्रमित हैं. मरीज के परिजन विशाल चौबे ने कहा कि जब से यहां भर्ती हुए हैं एक बार भी डॉक्टर देखने नहीं आए हैं. ड्यूटी में जो नर्स रहती हैं उनसे जब मरीज को देखने के लिए कहते हैं तो वह कहती है कि क्या मरीज का ठेका मैंने लिया है?

मीडिया के कैमरे को देख भागने लगा पैसा मांगने वाला कर्मी

वहीं लगातार. इन संवाददाता को जब इसकी जानकारी मिली तो वह फौरन मरीज के पास पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए पहुंचे. उस वक्त रिम्स का वह कर्मचारी भी मौजूद था. कैमरे को देखते ही वह कर्मचारी वार्ड के पास से भागने लगा.