Bermo : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद रांची द्वारा सीसीएल कथारा कोलियरी खुली खदान के विस्तारीकरण के लिए पर्यावरण स्वीकृति को लेकर मंगलवार को कथारा ऑफिसर्स क्लब में लोक जन सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहां मुख्य रूप से बोकारो डीआरडीए के अपर समाहर्ता सह निदेशक सादात अनवर, धनबाद जेएसपीसीबी के क्षेत्रीय पदाधिकारी ए. चौधरी, रांची जेएसपीसीबी के सहायक वैज्ञानिक पदाधिकारी मिथलेश झा, बेरमो अनुमण्डल पदाधिकारी अनंत कुमार, गोमिया प्रखंड विकास पदाधिकारी कपिल कुमार सहित गोमिया अंचल अधिकारी संदीप अनुराग टोपनो, सीसीएल कथारा क्षेत्र महाप्रबंधक महेंद्र कुमार पंजाबी मुख्य रूप से उपस्थित थे. लोक जन सुनवाई कार्यक्रम में कथारा कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी एनके दुबे ने खदान के पूर्व और वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की. कहा गया कि आज भी कथारा कोलियरी में लगभग 260 एमटी कोयले का भंडार है. जिसमें प्रतिवर्ष 19 लाख मिट्रिक टन (एमटी ) कोयला उत्पादन करने को लेकर अनुमति की आवश्यकता है. प्रबंधन द्वारा ग्रामीण विस्थापितों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रबंधन का सहयोग करें.
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पंचायत एवं श्रमिक प्रतिनिधियों ने भी अपनी बातें रखीं
लोक जन सुनवाई में जिप सदस्य गुलशरीफ, विस्थापित पंचायत एवं श्रमिक प्रतिनिधियों में मो. निज़ाम, बालेश्वर गोप, मथुरा सिंह यादव, गोविंद यादव, अजय कुमार सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, विजय यादव, मो सज्जाद अंसारी, श्रीमती देवी, पंसस गोपाल यादव, मुर्शीद आलम, महेंद्र तुरी, मणिलाल सिंह आदि ने कहा कि ग्रामीण विस्थापित हमेशा से कोलियरी विस्तारीकरण के पक्षधर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पर्यावरण स्वीकृति मिले जिससे आगे भी कोलियरी का उत्पादन कार्य जारी रहे. साथ ही कहा कि जो अधिकार और सुविधा ग्रामीण विस्थापितों को मिलनी चाहिए थी वह भले ही पर्याप्त रूप से नहीं दी गयी है फिर भी ग्रामीण विस्थापित सीसीएल प्रबंधन सहित राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देते रहे हैं. कहा गया कि यहां ग्रामीण विस्थापितों के जो मूलभूत अधिकार और सुविधा है उसे सीसीएल प्रबंधन को देना होगा.
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रोजगार के लिये दूसरे राज्यों में पलायन
ग्रामीण विस्थापितों ने कहा कि हमारी 26 सौ एकड़ जमीनों को अधिकृत कर सीसीएल प्रबंधन मुनाफा कमा रहा हैं, लेकिन अपनी जमीन देने वाले ज्यादातर ग्रामीण विस्थापित आज भी मुआवजा नियोजन आदि से वंचित है. आर्थिक संकट की वजह से विस्थापित आज रोजगार को लेकर दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विस्थापितों को शुद्ध पेयजल, समुचित बिजली ,अच्छी सड़क और बेहतर शिक्षा सुविधा सीसीएल प्रबंधन को मुहैया कराना चाहिये. बोकारो डीआरडीए के अपर समाहर्ता सह निदेशक सादात अनवर ने कहा कि लोक सुनवाई के दौरान लगभग 22 लोगों ने विचार सुझाव और समस्याएं बताई है. सभी लोगों द्वारा कोलियरी विस्तारीकरण को लेकर सहमति दी गयी है, हालांकि ग्रामीण विस्थापितों ने जो भी समस्याएं रखी है, उसका निष्पादन सीसीएल प्रबंधन को कंपनी प्रावधान के अनुरूप करना होगा. उन्होंने ग्रामीण विस्थापितों से कहा कि आप सभी लोग प्रतिनिधिमंडल बनाकर जो भी समस्याएं हैं उसको लेकर प्रबंधन से बातचीत करें. ग्रामीण विस्थापितों के मौलिक अधिकार और सुविधाओं को मुहैया कराने को लेकर हम सकारात्मक पहल चाहेंगे.