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INDIA ब्लॉक का संसद से EC दफ्तर तक मार्च, पुलिस ने राहुल, प्रियंका सहित अन्य सांसदों को हिरासत में लिया

NewDelhi :  कांग्रेस सांसद व लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में INDIA ब्लॉक के नेताओं ने संसद से भारत निर्वाचन आयोग तक मार्च निकाला है. यह मार्च बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान "मतदाता धोखाधड़ी" के आरोपों के विरोध में है. 

 

लेकिन दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकार उन्हें रास्ते में ही रोक दिया है. पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, संजय राउत और सागरिका घोष सहित INDI ब्लॉक के सांसदों को हिरासत में लिया है. 

 

संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च के दौरान टीएमसी सांसद मिताली बाग बेहोश हो गईं. लोकसभा नेता राहुल गांधी ने उन्हें पानी पिलाया और कार तक पहुंचाने में मदद की. 

 

 

 

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि सरकार कायर है और डरी हुई है.  वहीं राहुल गांधी ने कहा कि वो बात नहीं कर सकते हैं, यही हकीकत है. सच्चाई देश के सामने है. यह राजनीतिक लड़ाई नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है. यह एक व्यक्ति और एक वोट की लड़ाई है. हमें एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहिए.

 

 

 

संसद भवन के मकर द्वार से शुरू हुई मार्च

विरोध मार्च की शुरुआत संसद भवन के मकर द्वार से हुई, जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, डीएमके सहित कई दलों के सांसद शामिल हुए. राहुल गांधी के साथ-साथ प्रियंका गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मार्च में शामिल हैं. सभी नेताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी हैं. जिस पर लिखा है कि SIR लोकतंत्र पर हमला है और वोट चोरी नहीं चलेगी.

 

 

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पुलिस बैरिकेड के ऊपर से कूदे अखिलेश 

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव सहित कई सांसद पुलिस बैरिकेडिंग पर चढ़कर कूद गए. मीडिया से बातचीत में अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में वोट की लूट हुई है. जब शिकायत है तो चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए. संसद में हम अपनी बात रखना चाहते हैं, लेकिन सरकार सुनना नहीं चाहती है. 

 

 

संसद के बाहर लोकतंत्र पर हमला और हत्या की जा रही

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने मार्च करने से रोके जाने पर तीखा हमला बोला. उन्होंने ककहा कि संसद के ठीक बाहर लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है. उसकी हत्या की जा रही है.

चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए चुराव आयोग कहा

जयराम ने चुनाव आयोग पर विपक्षी सांसदों की शांतिपूर्ण आवाज को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मैंने कल चुनाव आयोग को स्पष्ट रूप से पत्र लिखा था कि विपक्ष के सभी सांसद शांतिपूर्वक संसद से निर्वाचन सदन तक मार्च कर रहे हैं. हमारी एकमात्र मांग यह थी कि हम सामूहिक रूप से आयोग को एसआईआर को लेकर एक दस्तावेज सौंपना चाहते हैं.

 

जयराम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग, जो चुराव आयोग बन गया है, वे उस पत्र का कोई जवाब नहीं देता और अब कहता है कि केवल 30 सांसद ही आ सकते हैं. रमेश ने कहा कि हमें रोका गया है, हमें निर्वाचन सदन जाने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने इसे लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ बताया और कहा कि विपक्ष केवल लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने की कोशिश कर रहा था, जिसे जानबूझकर बाधित किया गया. 

 

 

सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि लोकतंत्र पर सवाल उठ रहा है. उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे. इसमें सिर्फ वोट चोरी नहीं हुई, बल्कि बूथ कैप्चरिंग भी हुई. उस समय चुनाव आयोग ने कार्रवाई क्यों नहीं की. सवाल यह भी है.

 

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि जब तक लोगों के मन में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर संदेह है, तब तक चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच रहा है. अगर ये संदेह दूर हो जाते हैं, तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता फिर से हासिल की जा सकती है. चुनाव आयोग का अपना हित इन सवालों का समाधान करने में है. 

 


इधर विपक्ष के चुनाव आयोग तक मार्च पर भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि मार्च निकालने के बजाय उन्हें गांवों और ग्रामीण इलाकों में जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो लोग अभी तक मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें इसमें जोड़ा जाए.

 

भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष को जानने का अधिकार है. लेकिन क्या उनकी मांग में कोई दम है. बिहार में अभी तक किसी एक व्यक्ति ने भी SIR पर आपत्ति नहीं जताई है. इस तरह से देश नहीं चलता है.

 

केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार ने कहा कि टीएमसी का वोट बैंक बांग्लादेश से आए हुए रोहिंग्या मुसलमान है. चुनाव आयोग यदि इन रोहिंग्या मुसलमानों के नाम मतदाता सूची से बाहर कर देगा तो TMC का चुनाव जीतना असंभव हो जाएगा.

 

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस केवल बांग्लादेशी मतदाताओं की बदौलत जीत सकती है और यह साजिश 1972-73 से चल रही है. यह चुनाव भारतीय मतदाताओं की मदद से होगा या बांग्लादेशी मतदाताओं की मदद से.

 

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