New Delhi : ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर के मुद्दे पर कांग्रेस ने फिर एक बार मोदी सरकार को घेरा है. आरोप लगाया कि राजनैतिक नेतृत्व दवारा लगायी गयी रोक के कारण भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाकू विमान गंवाये हैं. कांग्रेस ने कहा कि यह बात भारतीय नौसेना के अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने कही है.
'राजनैतिक नेतृत्व की लगायी बाध्यताओं के कारण भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाकू विमान गंवाए हैं'
— Congress (@INCIndia) June 29, 2025
- ये बात भारतीय नौसेना के अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने कही है
इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने भी ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय फाइटर जेट के गिरने की बात कही…
We have seen media reports regarding a presentation made by the Defence Attache at a Seminar.
— India in Indonesia (@IndianEmbJkt) June 29, 2025
His remarks have been quoted out of context and the media reports are a mis-representation of the intention and thrust of the presentation made by the speaker.
The presentation…
कांग्रेस ने कहा कि इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय फाइटर जेट के गिरने की बात स्वीकार की थी. ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब आज तक नहीं मिले हैं,
कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को देश के सामने इन सारी बातों की सच्चाई रखनी चाहिए, लेकिन नरेंद्र मोदी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं. कांग्रेस ने कही कि प्रधानमंत्री अपनी अध्यक्षता में एसर्वदलीय बैठक बुलाकर विपक्ष को सच्चाई बताने से क्यों इंकार कर रहे हैं?
इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग क्यों खारिज कर दी गयी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री देश से क्या छिपा रहे हैं?
खबर है कि इंडोनेशिया में एक कार्यक्रम में एक नौसेना के अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने कथित रूप ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लड़ाकू विमान गिरने की बात कही थी. उन्होंने यह भी कहा कि शुरूआती नुकसान के बाद भारतीय सेना ने रणनीति बदली और दुश्मन की एयर डिफेंस को नष्ट करते हुए ब्रह्मोस मिसाइलों से सफल हमले किये.
उनके अनुसार भारतीय वायुसेना ने 7 मई की रात को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते समय अपने लड़ाकू विमान पाकिस्तान के हाथों खो दिये थे. ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ था क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व ने सैन्य प्रतिष्ठान या उनकी हवाई सुरक्षा पर हमला न करने का दबाव बनाया था.
भारतीय दूतावास (जकार्ता) विवाद को बढ़ता देख इस मामले में सफाई दी है. कहा कि कैप्टन कुमार की बातों को बिना संदर्भ के पेश किया गया है. इसे मीडिया में गलत तरीके से पेश किया गया. दूतावास ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि भारतीय सेना राजनैतिक नेतृत्व के अधीन काम करती है, जो भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को दर्शाता है.