New Delhi : गाजा में युद्ध विराम के लिए यूएनजीए के प्रस्ताव के पक्ष में 149 देशों ने मतदान किया. भारत उन 19 देशों में शामिल था, जिन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया. इसे लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है.
It is now increasingly evident that our Foreign Policy is in shambles. Perhaps, PM Modi must now take a call on his EAM’s repeated blunders and set some accountability.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 14, 2025
149 countries voted for a UNGA resolution for a ceasefire in Gaza. India was only one of the 19 countries…
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया, अब यह बात स्पष्ट होती जा रही है कि हमारी विदेश नीति में गड़बड़ियां हो रही हैं.
श्री खड़गे ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी को अब अपने विदेश मंत्री द्वारा बार-बार की जा रही गलतियों पर विचार करना चाहिए और कुछ जवाबदेही तय करनी चाहिए. गाजा में युद्ध विराम के लिए यूएनजीए के प्रस्ताव के पक्ष में 149 देशों ने मतदान किया. लेकिन भारत मतदान से दूर रहा.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश ने कहा कि भारत गाजा में मानवीय संकट को लेकर चिंतित है, भारत नागरिकों की मौत की निंदा करता है. भारत का मानना है कि बातचीत से ही शांति स्थापित हो सकती है. इसलिए भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
पी हरीश ने कहा कि भारत चाहता है कि इजराइल और फिलिस्तीन दोनों मिलकर बात करें और समस्या का समाधान निकालें. भारत गाजा के लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने की बात भी करता है
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत के कदम से हम वस्तुतः अलग-थलग पड़ गये हैं. उन्होंने याद दिलाया कि 8 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस ने इजरायल के लोगों पर हमास द्वारा किये गये क्रूर हमलों की निंदा की थी. हमने लगातार अंधाधुंध कार्रवाइयों की निंदा की है, जिसमें गाजा पट्टी की घेराबंदी और उसमें बमबारी शामिल है. हमलों में 60,000 लोग मारे गये हैं और व्यापक और भयावह मानवीय संकट है .
कांग्रेस ने पूछा कि क्या हमने मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया में युद्ध विराम, शांति और संवाद की वकालत करने वाले भारत के लगातार रुख को त्याग दिया है? कांग्रेस के अनुसार यह रुख गुटनिरपेक्षता और नैतिक कूटनीति की भारत की दीर्घकालिक परंपरा में गहराई से निहित है, जिसके माध्यम से भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में न्याय और शांति का समर्थन किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 19 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस ने तत्काल युद्ध विराम और गाजा के संकटग्रस्त और बेदखल लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान किया था. जब क्षेत्र भीषण हिंसा, मानवीय तबाही और बढ़ती अस्थिरता का सामना कर रहा है, तो भारत चुपचाप या निष्क्रिय रूप से खड़ा नहीं रह सकता.
कांग्रेस ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि भारत ने 12 जून, 2025 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा युद्ध विराम पर मतदान से परहेज किया. भारत हमेशा शांति, न्याय और मानवीय गरिमा के पक्ष में खड़ा रहा है. फिलिस्तीन में 60,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. उनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं.
कांग्रेस ने लिखा कि हजारों लोग भूख से मर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय सहायता बंद हो गयी है. यह एक मानवीय त्रासदी है. ऐसे समय में, भारत को गाजा में युद्ध विराम के समर्थन में मजबूती से खड़ा होना चाहिए था, लेकिन भारत ने युद्ध, नरसंहार और न्याय के खिलाफ अपने सैद्धांतिक रुख को त्याग दिया.