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भारतीय सेना में संक्रमण दर लगभग शून्य पर, 99 फीसदी सैनिकों का वैक्सीनेशन

82 प्रतिशत सैन्यकर्मियों को कोरोना का दूसरा टीका भी लगा दिया गया

NewDelhi : कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार की मदद करने आगे आयी रही सेना ने अपने सैनिकों के लिए वैक्सीन ड्राइव तेज कर दी है. जान लें कि सेना ने देशभर की सैन्य यूनिटों में मार्च से कोविड  टीकाकरण अभियान शुरू किया था. 20 अप्रैल तक लगभग 14 लाख फौजियों में से 99 प्रतिशत को वैक्सीन दे दी गयी है. इनमें से 82 प्रतिशत (11.5 लाख) सैन्यकर्मियों को कोरोना का दूसरा टीका भी लगा दिये जाने की सूचना है.

जब पूरा देश कोरोना की दूसरी सुनामी का सामना कर रहा है,  ऐसे में वैक्सीनेशन प्रोग्राम और कोविड प्रोटोकॉल के पालन में जीरो टॉलरेंस के दोहरे प्रयोग से सेना ने अपने यहां संक्रमण की दर लगभग शून्य पर लाकर समेट दी है. खास बात यह है कि सेना ने यह कमाल पिछले दो महीने से भी कम समय में कर दिखाया है.

देश भर में कोरोना के रोजाना आंकड़े 3 से 3.25 लाख

सेना के सूत्रों के अनुसार देश में प्रतिदिन कोविड मामलों की संख्या की तुलना में सेना में संक्रमण की दर शून्य ही है. देश भर में आ रहे कोरोना के रोजाना 3 से 3.25 लाख मामलों के मुकाबले सेना में यह संख्या 50 से 60 के बीच भी नहीं है. जो नये केस आ रहे हैं, वे भी वो लोग हैं जो अपने परिवार के साथ बाहर रहने के कारण संक्रमित हो रहे हैं.

 महज 400 सैन्य कर्मी होम आइसोलेशन में

सेना ने 22 अप्रैल से दिल्ली के बेस हॉस्पिटल को कोविड सुविधा में बदल दिया है. यहां ऑक्सीजन सुविधा के सभी 258 बिस्तरों पर मरीज भर्ती कर लिये हैं.  साथ ही सेना ने दिल्ली में एक हजार बिस्तरों वाला अपना अस्पताल भी आम जनता के लिए खोल दिया है.

पटना में 500, वाराणसी में 750, अहमदाबाद में 900 बिस्तरों का अस्पताल

भारतीय सेना ने देश की सेवा करने वाले पूर्व सैनिकों के लिए भी अपने अस्पतालों के दरवाजे खोल दिये हैं. इसके तहत सेना ने पटना में अपना 500 बिस्तर वाला अस्पताल खोल दिया है. इसके अलावा करीब 450 बिस्तर वाला अस्पताल लखनऊ में, 750 बिस्तर का अस्पताल वाराणसी में और 900 बिस्तर का अस्पताल अहमदाबाद में जनता के लिए खोल दिया है. मरीजों की जरूरत को देखते हुए इन अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या भी बढ़ाकर अगले 7 दिन में दोगुनी की जा रही है.

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