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शिक्षा मंत्री से मिला अनौपचारिक शिक्षक अनुदेशक का प्रतिनिधिमंडल, मिला आश्वासन

Ranchi: अनौपचारिक शिक्षक अनुदेशक के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो से मुलाकात की. उस दौरान कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी मौजूद थे. प्रतिनिधि मंडल के वीरेंद्र कुमार मन्ना ने बताया कि झारखंड के विभिन्न जिलों के भूतपूर्व अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक 1983 से शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक पिछले 14 वर्ष से विद्यालय के बाहर बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा केंद्र में 2 घंटा पढ़ा रहे हैं. घर से बच्चों को केंद्र में लाकर खेल-खेल के माध्यम से शिक्षा भी दिला रहे हैं. साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शिक्षा प्रदान किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें - हाईकोर्ट">https://lagatar.in/jsscs-stand-on-age-limit-is-not-clear-even-after-high-court-order-students-upset/">हाईकोर्ट

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शिक्षा मंत्री से मिला है आश्वासन

उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में बिहार और झारखंड अलग हो जाने के बाद बिहार के अनौपचारिक शिक्षक के सुपरवाइजरों को तृतीय वर्ग एवं अनुदेशकों को चतुर्थ वर्ग में पटना उच्च न्यायालय और नई दिल्ली सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार, 2018 में समायोजन कर दिया गया है. इसके बावजूद झारखंड के भूतपूर्व अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक अभी अपने हक अधिकार के लिए लड़ रहे हैं. गुरुवार को शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशकों के मांगों पर विचार किया जाएगा और ठोस कदम ले जाएंगे. इसे भी पढ़ें - Russia">https://lagatar.in/russia-ukraine-war-ukraine-urges-pm-modi-to-intervene-talk-to-putin/">Russia

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