कोल इंडिया के नापाक मंसूबे को ध्वस्त करने के लिए हड़ताल जरूरी
Hazaribagh : सीआईटीयू हजारीबाग के जिला उपाध्यक्ष गणेश कुमार सीटू ने बताया कि देश के लगभग तीन लाख कोयला मजदूरों के साथ नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. कोल इंडिया के नापाक मंसूबे को ध्वस्त करने के लिए हड़ताल जरूरी है. उन्होंने बताया कि कोयला मजदूरों के एक लंबे संघर्ष के बाद 20 मई 2022 को कानून सम्मत एनसीडब्ल्यू 11 का समझौता हुआ. कोल इंडिया और सिंगरेनी कोलवरीज कंपनी लिमिटेड के प्रबंधन और उसमें कार्यरत सभी सरकारी मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन के बीच मजदूरों के वेतन वृद्धि पर समझौता हुआ. बढ़े हुए वेतन भुगतान करने के लिए कोयला मंत्रालय के अप्रूवल लेने के बाद देश के कोयला मजदूरों को जुलाई 2023 के वेतन बढ़े हुए दर से भुगतान कर दिया गया. साथ ही अगस्त माह के वेतन के साथ बकाया एरियर 23 माह का भुगतान कर दिया गया. फिर सितंबर 2023 का वेतन जो अक्तूबर 23 को भुगतान होना है, उसे पुराने समझौते एनसीडब्ल्यूए 10 जिसकी अवधि 30 जून 2021 को ही समाप्त हो गई, उसके तहत करने की क्या जरूरत है. कोल इंडिया की यह साजिश न सिर्फ गलत है, बल्कि कोयला मजदूरों के साथ अन्याय भी है. कोल इंडिया की इसी साजिश को ध्वस्त करने के लिए गुरुवार को देश के पांच मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन के नेताओं की ओर से सीएमडी कोल इंडिया और सीएमडी सिंगरेनी कोलवरीज कंपनी लिमिटेड को 5, 6, 7 अक्तूबर को देश के समस्त कोयला उद्योग में तीन दिवसीय हड़ताल का नोटिस दिया है. इसमें मांग की गई है कि देश के कोयला मजदूरों के साथ अन्याय करना बंद करो और सितंबर 2023 का वेतन जो अक्तूबर में होना है, उसे समय पर और नए एनसीडब्ल्यू 11 समझौते के अनुसार ही भुगतान किया जाए. अन्यथा देश के लगभग तीन लाख कोयला मजदूर हड़ताल पर जाने को बाध्य हो जाएंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी कोल इंडिया प्रबंधन पर होगी. इसे भी पढ़ें : मुजफ्फरपुर">https://lagatar.in/muzaffarpur-boat-full-of-school-children-drowns-in-bagmati-river-15-rescued-others-missing-relief-work-underway/">मुजफ्फरपुर: स्कूली बच्चों से भरी नाव बागमती नदी में डूबी, 20 का रेस्क्यू, अन्य लापता, राहत-बचाव कार्य जारी [wpse_comments_template]
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