Ranchi: इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के सहयोग से सरल बिरला विश्वविद्यालय में बिरसा मुंडा के विजन पर एक दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि पद्मश्री अशोक भगत रहे. इस दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन एसबीयू के फैकल्टी ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट द्वारा जनजातीय गौरव स्कीम के तहत किया जा रहा है.
ग्राम स्वराज की स्थापना की बात कहते हुए अशोक भगत ने वहां उपस्थित श्रोताओं से कहा कि आदिवासी समाज से काफी कुछ सीखा जा सकता है. साथ ही समाज की ताकत पहचानने की आवश्यकता की बात रख कर समाज के प्रतीक बिरसा मुंडा की चर्चा करते हुए अबुआ राज की स्थापना पर जोर दिया.
विशिष्ट अतिथि रामकृष्ण आश्रम के सचिव स्वामी भवेशानंद ने स्वामी विवेकानंद उदाहरण देते हुए कहा कि व्यक्ति की आयु महत्वपूर्ण नहीं बल्कि उस आयु में उसके द्वारा किए गए कार्य महत्वपूर्ण होते हैं. उन्होंने बिरसा मुंडा के आंदोलन की शुरुआत और उससे संबंधित जानकारियां भी साझा की.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सी जगनाथन ने बिरसा मुंडा के कृतित्व और उनसे जुड़े प्रेरक प्रसंग की चर्चा करते हुए आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन से जुड़ाव की बात कही.
महानिदेशक प्रो गोपाल पाठक ने कहा कि बिरसा मुंडा की जीवनी बताती है कि किस तरह एक व्यक्ति पूरे समाज को बदल पाने में सक्षम है. साथ ही अबुआ राज की संकल्पना की आवश्यकता पर अपना विचार रखा.
इस अवसर पर सरला बिरला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. एस बी डांडिन, डीन डॉ अरबिंदा भंडारी, डॉ पूजा मिश्रा, डॉ विदुषी शर्मा समेत विवि के शिक्षकगणों और शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे. सम्मेलन के सत्र में बिरसा मुंडा के परपोते सुखराम मुंडा ने भी भाग लिया. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी हुई. कार्यक्रम का संचालन डॉ गगनदीप ने किया. इस सम्मेलन के आयोजन पर विवि के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान और राज्यसभा सांसद डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने हर्ष व्यक्त किया है.
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