Ranchi : झारखंड में मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर मचा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के BLO को बंद कर देना मैं आकर दरवाजा खोलूंगा वाले हालिया बयान और SIR प्रक्रिया पर उनके विरोध के बाद अब चुनाव आयोग ने पूरे मामले पर झारखंड सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
मंत्री इरफान अंसारी ने SIR को लेकर कहा था कि राज्य में इस प्रक्रिया को किसी भी हाल में लागू नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि इससे गरीब और वंचित लोगों के नाम मतदाता सूची से हटने का खतरा है.
उनका कहना था कि लोगों से पुराने दस्तावेजों की मांग की जा रही है, जिन्हें जुटाना कई परिवारों के लिए मुश्किल है. उनके अनुसार, गरीब आदमी 20 साल पुराने कागज कहां से लाएगा? इससे उनके मताधिकार पर चोट पड़ सकती है.
दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाना है. आयोग के अनुसार, यह व्यवस्था मृत, फर्जी या अयोग्य नामों को सूची से हटाने और पात्र नए मतदाताओं को जोड़ने के लिए की जाती है. फिलहाल झारखंड में यह प्रक्रिया केवल पूर्वाभ्यास चरण में है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है.
विपक्षी दलों ने मंत्री के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे चुनावी मुद्दा बनाने का आरोप लगाया है. नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य के बड़बोले मंत्री इरफान अंसारी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अविलंब बर्खास्त करने का आग्रह किया है. पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने भी कहा उकसाऊ बयान देने वाले मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें.
चुनाव आयोग द्वारा रिपोर्ट मांगने के बाद अब राज्य सरकार को इसे लेकर विस्तृत स्पष्टीकरण देना होगा. आने वाले दिनों में इस विवाद के और राजनीतिक रूप लेने की भी संभावना है.
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