- महेश्वर ने कहा- 22 साल गुजर गए नहीं मिला सरेंडर पॉलिसी का लाभ
Jadugoda : डुमरिया के पूर्व नक्सली महेश्वर मुर्मू मुख्य धारा में जुड़ कर खेती कर अपनी जीविका चला रहा हैं. इधर अब उसकी इच्छा आने वाले दिनों में जिला परिषद का चुनाव लड़कर जनता की सेवा करने की हैं. वे कहते हैं कि जनता उस पर विश्वास करेगी तो जिला परिषद का चुनाव लड़ेंगे ताकि जनता की समस्या जिला उपायुक्त तक पहुंचा कर उनका वाजिब हक दिला सके.
डुमरिया-हरिना सड़क की बदहाल स्थिति पर जताई चिंता
डुमरिया के महेश्वर मुर्मू रोजाना खेत जाते है. वहां उग आए खर पतवार को कंधे में लाद कर घर लौटते है. इसी से उनकी जीविका चलती है. जनता के मुद्दे पर आज भी प्रखर रूप से आवाज उठाते है. डुमरिया स्थित रागा माटिया मुख्य सड़क किनारे उनका नया आवास है.
महेश्वर मुर्मू कहते है कि हरिना से डुमरिया सड़क का 10 साल पूर्व शिलान्यास हुआ लेकिन सड़क निर्माण का कार्य आज भी अधूरा है. जगह-जगह गड्ढे हो गए है जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं हैं. काम करने वाली सरकार होती तो सड़क बन जाती. जन प्रतिनिधि मौज मस्ती कर रहे है. नेता सिर्फ बयानबाजी करते है.
सरेंडर के 22 साल गुजर गए नहीं मिला लाभ : महेश्वर
पूर्व नक्सली महेश्वर मुर्मू ने कहा कि 23 जुलाई 2003 को तत्कालीन एसपी अरुण उरांव के समक्ष हथियार के साथ सरेंडर किया था. उस वक्त रघुवर दास की सरकार थी. सरकार से आश्वासन मिला था घर मिलेगा, पैसा मिलेगा. कुछ भी नहीं मिला. अब कोई अधिकारी पूछने तक नहीं आ रहा है.
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