Ranchi/Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को झारखंड में पवार ब्रोकर के नाम से मशहूर प्रेम प्रकाश की जमानत याचिका पर सुनवाई 26 अप्रैल तक टाल दी है. इस साल जनवरी में झारखंड हाईकोर्ट ने प्रेम प्रकाश को बेल देने से इनकार करते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिसके बाद प्रेम प्रकाश ने अपनी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. प्रेम प्रकाश की जमानत अर्जी सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी.
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एजेंसी ने दुर्भावना से फंसाया – प्रेम प्रकाश
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी प्रेम प्रकाश ने अपनी याचिका में कहा है कि एजेंसी ने उन्हें दुर्भावना से फंसाया और कथित अपराध में उनकी संलिप्तता का कोई सबूत नहीं था. उन्होंने तर्क दिया कि ईडी अवैध खनन के उद्देश्य से पंकज मिश्रा के साथ उनके किसी भी संबंध को स्थापित नहीं कर सका. इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि संजय चौधरी और अमित अग्रवाल के साथ उनका लेन-देन उस व्यवसाय का हिस्सा था, जिसका साहिबगंज में तथाकथित अवैध खनन और परिवहन से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने कहा कि ईडी ने बिना किसी आधार के उन्हें अवैध खनन कारोबार में शामिल कुछ कंपनियों से जोड़ा. साहेबगंज के बरहरवा टोल प्लाजा मामले में वह आरोपी भी नहीं था.
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