: राष्ट्रीय समानता दल ने ब्रजेश तुरी को पलामू से उतारा, राजेंद्र यादव बने केंद्रीय प्रवक्ता
कांग्रेस के मजबूत गढ़ को किया था ध्वस्त
रीतलाल प्रसाद वर्मा 1969 में जनसंघ का जिलाध्यक्ष बनने के बाद 1972 में जनसंघ के टिकट पर जमुआ विधानसभा से पहली बार विधायक बने थे और कांग्रेस के मजबूत गढ़ को ध्वस्त करने में सफल रहे थे. उन्होंने जमुआ विस क्षेत्र पर तत्कालीन श्रम मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद प्रसाद को मात दी. गरीब गुरबों के अधिकार दिलाने और साफ-सुथरी शासन-प्रशासन का निर्माण करना ही स्व. वर्मा का मुख्य उद्देश्य था. यही कारण है कि वर्ष 1974 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के आह्वान पर उन्होंने एकीकृत बिहार विधानसभा से विधायक पद से त्याग पत्र दे दिया और जेपी के आंदोलन में शामिल हो गए.1977 में कोडरमा संसदीय क्षेत्र का गठन
1977 में कोडरमा संसदीय क्षेत्र का गठन हुआ. तब पहली बार लोक दल से रीतलाल प्रसाद वर्मा सांसद बने और इस क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों को संसद में उठाने का कार्य किया. जमुआ प्रखंड के भंडारो गांव में 1 फरवरी, 1938 को किसान परिवार में जन्मे स्व. रीतलाल प्रसाद वर्मा ने एलएलबी और डीआईपी की शिक्षा लेने के बाद राजनीति को करियर बनाया. गिरिडीह-कोडरमा रेलवे लाइन, मरकच्चो के बरियारडीह आयुध कारखाना के लिए वे संसद में बात रखते रहे. अलग वनांचल राज्य के लिए संसद के भीतर एवं बाहर आवाज को बुलंद करते रहे. वे 1977 के बाद जनता पार्टी से 1980, भाजपा से 1889, 1996 और 1998 में कोडरमा से सांसद चुने गए थे. इसे भी पढ़ें-वित्त">https://lagatar.in/finance-minister-said-electoral-bonds-will-be-back-congress-raised-hue-and-cry-bjp-wants-to-continue-looting/">वित्तमंत्री ने कहा, इलेक्टोरल बॉन्ड विल बी बैक… कांग्रेस ने हल्ला बोला… भाजपा लूट जारी रखना चाहती है…