कहा-हमारे चाचा ने रीतलाल वर्मा ने डाली थी भाजपा की मजबूत नींव, पांच बार चुने गए थे सांसद
Pramod Kumar Upadhyay
Hazaribagh: कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी जयप्रकाश वर्मा चुनाव लड़ेंगे. इस संबंध में उन्होंने ‘शुभम संदेश’ संवाददाता से बातचीत के दौरान बताया कि क्षेत्र में विकास नहीं हुआ है और यहां एक ही उम्मीदवार को पार्टी से बार-बार मौका मिल रहा है. ऐसे में इस बार वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने बताया कि रीतलाल प्रसाद वर्मा हमारे चाचा थे और वह कोडरमा संसदीय क्षेत्र से पांच बार सांसद चुने गए. स्व. रीतलाल प्रसाद वर्मा ने इलाके में भाजपा की मजबूत नींव रखी थी. कॉलेज से ही राजनीति में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले कोडरमा के पूर्व भाजपा सांसद स्व. वर्मा राजनीतिक जीवन में चुनावी सफलता का सफर तय करते गए. वे वकालत छोड़ राजनीति में आए थे और यहां अपनी एक अलग पहचान बनाई थी.
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कांग्रेस के मजबूत गढ़ को किया था ध्वस्त
रीतलाल प्रसाद वर्मा 1969 में जनसंघ का जिलाध्यक्ष बनने के बाद 1972 में जनसंघ के टिकट पर जमुआ विधानसभा से पहली बार विधायक बने थे और कांग्रेस के मजबूत गढ़ को ध्वस्त करने में सफल रहे थे. उन्होंने जमुआ विस क्षेत्र पर तत्कालीन श्रम मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद प्रसाद को मात दी. गरीब गुरबों के अधिकार दिलाने और साफ-सुथरी शासन-प्रशासन का निर्माण करना ही स्व. वर्मा का मुख्य उद्देश्य था. यही कारण है कि वर्ष 1974 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के आह्वान पर उन्होंने एकीकृत बिहार विधानसभा से विधायक पद से त्याग पत्र दे दिया और जेपी के आंदोलन में शामिल हो गए.
1977 में कोडरमा संसदीय क्षेत्र का गठन
1977 में कोडरमा संसदीय क्षेत्र का गठन हुआ. तब पहली बार लोक दल से रीतलाल प्रसाद वर्मा सांसद बने और इस क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों को संसद में उठाने का कार्य किया. जमुआ प्रखंड के भंडारो गांव में 1 फरवरी, 1938 को किसान परिवार में जन्मे स्व. रीतलाल प्रसाद वर्मा ने एलएलबी और डीआईपी की शिक्षा लेने के बाद राजनीति को करियर बनाया. गिरिडीह-कोडरमा रेलवे लाइन, मरकच्चो के बरियारडीह आयुध कारखाना के लिए वे संसद में बात रखते रहे. अलग वनांचल राज्य के लिए संसद के भीतर एवं बाहर आवाज को बुलंद करते रहे. वे 1977 के बाद जनता पार्टी से 1980, भाजपा से 1889, 1996 और 1998 में कोडरमा से सांसद चुने गए थे.
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पहली बार रिकार्ड मतों से जीत
रीतलाल प्रसाद वर्मा ने अपना पहला संसदीय चुनाव वर्ष 1977 में रिकार्ड मतों से जीता. उस समय कुल मतदाताओं की संख्या 53,359, भाकपा के रामनारायण प्रसाद यादव को 21,377 और निर्दलीय जोहन मरांडी को 7,412 मत मिले थे. जयप्रकाश वर्मा ने यह भी कहा कि रीत लाल वर्मा के कई अधूरे सपने थे जो चुनाव जीतने के बाद हम पूरा करेंगे और उनके सपने को साकार करेंगे.