Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले ने बाल सुरक्षा अभियान को गांव-गांव तक ले जाने की दिशा में बड़ी पहल की है.बाल कल्याण संघ ने मिरेकल फाउंडेशन इंडिया के सहयोग से जिले के तीन प्रखंडों घाटशिला, पटमदा व बोड़ाम के 30 ग्रामीण युवाओं को ‘बाल संरक्षण वाहक’ के रूप में तैयार करने के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है. यह मॉडल झारखंड में पहली बार लागू हो रहा है.
इस पहल का उद्देश्य युवाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित करना, उन्हें बाल संरक्षण कानूनों से परिचित कराना और बच्चों की सुरक्षा से जोड़ना है. प्रशिक्षित युवा अपने-अपने गांवों में परिवारों से संवाद कर जोखिमग्रस्त बच्चों की पहचान करेंगे, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन की जानकारी फैलाएंगे और जरूरतमंद बच्चों को समय पर सहायता उपलब्ध कराएंगे.
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रेम कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिला बाल सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार नई पहल कर रहा है. युवा-आधारित यह मॉडल राज्य के लिए एक उदाहरण बनेगा. यह मॉडल मिशन वात्सल्य की उस सोच के अनुरूप है जिसमें परिवार आधारित देखभाल और समुदाय की भागीदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है.
बाल कल्याण संघ की स्टेट हेड शिवानी प्रिया ने बताया कि संगठन और मिरेकल फाउंडेशन द्वारा जिले के लगभग 1000 बच्चों और उनके परिवारों को सामाजिक-आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का काम किया जा रहा है. तीनों प्रखंडों की सभी पंचायतों में बाल कल्याण संरक्षण समिति (CWPC) का गठन पूरा कर लिया गया है, जो झारखंड में पहली बार किसी जिले में पूर्ण रूप से संभव हुआ है.
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