- घाटशिला में 'सखी डोर' सिलाई सेंटर, मुसाबनी में जूट बैग निर्माण सेंटर का भी किया निरीक्षण
Vishwajeet Bhatt
Jamshedpur : क्षेत्र भ्रमण के क्रम में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने गुरुवार को घाटशिला एवं मुसाबनी प्रखंड का दौरा कर ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार से जुड़ी महिलाओं से संवाद स्थापित किया. इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से काष्ठ शिल्प (वुड कार्विंग) कार्य से जुड़ी महिलाओं (दीदीयों) से बातचीत कर उनके अनुभवों और चुनौतियों को जाना. उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना है. निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने घाटशिला में पीपल ट्री संस्था द्वारा संचालित काष्ठ शिल्पकला सेंटर एवं मुसाबनी प्रखंड के तेरेंगा गांव में मां गायत्री महिला समिति द्वारा संचालित काष्ठ शिल्पकला कार्य से जुड़ी महिलाओं की गतिविधियों का अवलोकन करते हुए कार्य की गुणवत्ता की सराहना की तथा बेहतर प्रशिक्षण, मार्केट लिंकेज, डिज़ाइन अपग्रेडेशन, आधुनिक उपकरण एवं अन्य आवश्यक सहयोग पर चर्चा की. जिससे वे अपने हुनर को बड़े स्तर पर प्रदर्शित कर सकें और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच बना सकें. साथ ही तेरेंगा में ही जूट बैग निर्माण से जुड़ी महिला समिति के कार्यों का जायजा लिया.
‘सखी डोर’ सिलाई सेंटर का निरीक्षण
घाटशिला में रूर्बन मिशन अंतर्गत संचालित ‘सखी डोर’ सिलाई सेंटर का भी उपायुक्त ने निरीक्षण किया. उन्होंने सिलाई-कढ़ाई सीख रही महिलाओं से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना तथा उन्हें गुणवत्ता-आधारित प्रशिक्षण पर बल दिया. उपायुक्त ने कहा कि इस प्रकार के कौशल प्रशिक्षण केंद्र न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं, बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान भी दिला रहे हैं. उन्होंने दीदीयों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे अपने हुनर को व्यावसायिक अवसरों में बदलें और समूह आधारित कार्यों से बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर तैयार करें.
स्वरोजगार से जुड़ी महिलाओं का उत्साह देख जताई खुशी
उपायुक्त ने स्वरोजगार से जुड़ी महिलाओं का उत्साह देखकर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अपने हुनर से न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं. इस तरह के प्रयास आत्मनिर्भर भारत और लखपति दीदी जैसे लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में अहम योगदान दे रहे हैं. उन्होंने दीदीयों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आपकी लगन ही आपकी सबसे बड़ी पूंजी है. जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग भी प्रदान किया जाएगा, ताकि आप अपने हुनर से स्वरोजगार स्थापित कर सकें और औरों के लिए भी रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करें.
महिलाओं को मिला नया आत्मविश्वास
इस मौके पर महिलाओं ने भी अपने अनुभव साझा किए और कहा कि प्रशासन की मदद एवं प्रशिक्षण से उन्हें नया आत्मविश्वास मिला है. अब वे घर की चारदीवारी से निकलकर अपनी प्रतिभा को स्वरोजगार के रूप में विकसित कर पा रही हैं. इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला सुनील चंद्र, बीडीओ घाटशिला यूनिका शर्मा, बीडीओ मुसाबनी अदिति गुप्ता समेत अन्य पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित थे.
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