Jamshedpur : कई वर्षों बाद भी अगर पूर्ववर्ती छात्र-छात्राएं अपने पुराने शिक्षकों को याद करते और सम्मान देते हैं तो शिक्षकों को यह सम्मान लेना चाहिए क्योंकि इसका मतलब है कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा सही है. बच्चों के सफल होने के बाद भी अगर उनके भीतर शिष्टाचार और आदरभाव दिखे तो शिक्षकों को भी अपने छात्रों पर गर्व होना चाहिए. यह शिष्टाचार और प्यार विद्यासागर विद्यालय के वर्ष 2000 बैच के विद्यार्थियों में देखने को मिलता है. उक्त बातें वर्ष 2000 बैच के विद्यासागर स्कूल बामनगोड़ा में री-यूनियन कार्यक्रम के दौरान शिक्षक भगवान सिंह ने कहीं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 बैच के बच्चों ने यह कार्यक्रम दूसरी बार आयोजित किया है, जो काफी सराहनीय है. अपने काम में व्यस्त रहने के बाद भी अपने दोस्तों और पुराने शिक्षकों के साथ कार्यक्रम का आयोजन करना, उन्हें सम्मान देना गर्व की बात है. रविवार को विद्यासागर विद्यालय बामनगोड़ा स्कूल के 2000 बैच के विद्यार्थियों ने री-यूनियन कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसमें विद्यालय के एलुमिनाई करीब 20 साल बाद एक-दूसरे से मिले. लंबे अरसे बाद अपने दोस्तों को देख किसी के आंसू छलके तो कोई पुराने किस्सों को साझा करने बैठ गया. परीक्षा के दिनों में रात-रात भर एक साथ पढ़ना तो स्काउट कैंप में रामायण सर के साथ दिल खोल कर मस्ती करने की न जाने कितनी यादें कार्यक्रम में यहां फिर साझा हुईं.
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सभी ने एक-दूसरे के प्रोफेशन की जानकारी ली. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सभी शिक्षकों को स्मृति चिन्ह दिया गया. कार्यक्रम में शामिल सभी विद्यार्थियों को भी आयोजन समिति की ओर से स्मृति चिन्ह दिया गया. आयोजन समिति के प्रमुख संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि वे कई वर्ष से इस कार्यक्रम को आयोजित करने की तैयारी कर रहे थे. अभी भी कई सहपाठी उनके संपर्क में नहीं हैं. लेकिन अगले वर्ष के कार्यक्रम में और भी सहपाठियों को जोड़ा जाएगा. कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए स्कूल की प्राचार्य प्रतिभा वर्मा समेत सभी शिक्षकों को धन्यवाद दिया. कार्यक्रम को सफल बनाने में विनय गिरी, सनोत पात्रो, अमित शर्मा, चांद, देवानंद सिंह, शान्तनु दास, राजीव सिंह, कुहेलिका, टुंपा, चैताली, नेहा सिन्हा, ममता सांडिल, सोनी, मोनी, आरती, प्रीति, प्रतिमा समेत कई एलुमिनाई ने सराहनीय योगदान दिया.