: वन विभाग कार्यालय पर भाजपा का हल्ला बोल छह जुलाई को, प्रचार-प्रसार जोरों पर
संताली भाषा की अवहेलना हो रही - बेसरा
बेसरा ने कहा कि हेमंत सोरेन ने कहा थ कि सत्ता में आते ही "पेसा कानून, 1996" को अक्षरस: लागू करेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ. 22 दिसंबर 2003 में जब भारत सरकार ने संताली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया था. तो उसी दिन से पश्चिम बंगाल सरकार ने संथाली साहित्य अकादमी का गठन कर संताली भाषा में प्राथमिक स्तर से उच्चतर स्तर तक पठन-पाठन के लिए संथाली पाठ्यक्रम तैयार कर स्कूल कॉलेजों में लागू किया. लेकिन झारखंड में संताली समाज के हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री होते हुए भी संताली भाषा की अवहेलना हो रही है. ओलचिकी को क्यों मान्यता नहीं दे रही हैं जबकि 2016 में भाजपा की सरकार में पंचायत भवन से लेकर राजभवन तक ओलचिकी से लिपिबद्ध कराया गया था. सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद - 350 (क) में मातृ भाषा में प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य बताया गया है. इसके बावजूद झारखंड राज्य में 23 वर्षों के बाद भी संताली भाषा में पठन-पाठन का पाठ्यक्रम तैयार नहीं हो पाया. इसे भी पढ़ें :मल्लिकार्जुन">https://lagatar.in/mallikarjun-kharge-said-inflation-is-at-its-peak-people-will-wipe-out-bjp-from-power/">मल्लिकार्जुनखड़गे ने कहा, देश में महंगाई चरम पर, जनता भाजपा का सत्ता से सफाया कर देगी [wpse_comments_template]
Leave a Comment