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सबसे अधिक बहरागोड़ा प्रखंड में 89 बेचिरागी गांव
पूर्वी सिंहभूम में प्रखंडवार चिरागी गांव की बात करें तो जिले के आठ प्रखंड के कुल 141 गांव बेचिरागी के तौर पर चिन्हित किए गए हैं. सबसे ज्यादा बहरागोड़ा प्रखंड में 89 और जमशेदपुर प्रखंड में मात्र एक गांव है. वहीं, धालभूमगढ़ में छह, पटमदा में पांच, गुड़ाबांदा में 10, घाटशिला में 10, चाकुलिया में 12 और पोटका प्रखंड में आठ गांव ऐसे है जहां से लोगों ने पलायन किया है. ऐसा भी नही है कि गांव की आबादी शहर में आकर बस गई हो. विदित हो कि जिले की कुल आबादी 55.56 प्रतिशत शहर में जबकि 44.43 प्रतिशत आबादी गांवों में बसती है. इसे भी पढ़े : खूंखार">https://lagatar.in/the-dreaded-maoist-jatru-kherwar-surrendered-was-troubled-by-the-exploitation-in-the-organization/">खूंखारमाओवादी जतरू खेरवार ने किया सरेंडर, संगठन में शोषण से था परेशान
सरकारी योजनाएं पलायन रोकने में फेल
सरकार द्वारा गांव में रोजगार उपलब्ध करवाकर पलायन रोकने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है. लेकिन गावं से पलायन जारी है, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण जिले के 141 बेचिरागी गांव अपनी गवाही देकर कर रहे हैं. सरकार द्वारा मनरेगा, जलसंरक्षण, बागवानी,14 न 15 फाइनेंस और पंचायत के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, कौशल विकास विभाग द्वारा ग्रमीणों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. इसके बावजूद गांवों में पलायन जारी है. साफ शब्दों में कहे तो गांवों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाएं भी गांवों से पलायन रोकने में फीसड्डी साबित हो रही है. इसे भी पढ़े : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-three-female-players-selected-for-the-national-womens-under-17-football-tournament/">चाईबासा: राष्ट्रीय महिला अंडर-17 फुटबॉल प्रतियोगिता के लिए तीन महिला खिलाड़ियों का चयन [wpse_comments_template]