Ashok kumar
Jamshedpur : गोलमुरी थाना क्षेत्र के टिनप्लेट की तरह ही डेढ़ दशक पहले परसुडीह इलाके में धर्म परिवर्तन के नाम पर लोगों का प्रत्येक रविवार को जुटान होता था. हजारों की संख्या में लोग पहुंचते थे. भीड़ ऐसी होती थी कि पुलिस के लिये उसे संभाल पाना आसान नहीं होता था. बिना जिला प्रशासन के अनुमति के ही तेल और पानी से लोगों का इलाज करने के लिये भीड़ जुटाने का काम किया जाता था. जब इलाज के दौरान ही महिला की मौत हो गयी थी, तब लोगों का जनाक्रोश भड़का था. पुलिस पहुंची थी और मामला भी दर्ज किया था. इसके बाद से यह खेल इस जिले में बंद हो गया.
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एलबीएसएम कॉलेज के पास से हुई थी पहली शुरूआत
तेल और पानी से इलाज करने के नाम पर लोगों को सबसे करनडीह के एलबीएसएम कॉलेज गेट के बाहर एक घर के बरामदे में जुटाया जाता था. यहां पर जब भीड़ बढ़ने लगी तो इस आयोजन को करनडीह के जयपाल मैदान में परिवर्तित कर दिया गया था. इसके बाद धर्म परिवर्तन का खेल परसुडीह थाना के ठीक सामने स्थित मैदान में शुरू हो गया. इसके बाद फिर दोबारा जयपाल मैदान में आयोजन होने लगा.
दूसरे राज्य से भी पहुंचते थे लोग
तेल और पानी से इलाज करने की बात सिर्फ इस राज्य में ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य ओड़िशा और बंगाल में भी लोगों की जुबान पर थी. इस बीच माइक सेट लगाकर प्रवचन देने का भी काम किया जाता था. इसके शिकार मुख्य रूप से गांव के भोले-भाले लोग ही होते थे. अंततः जब एक महिला की जान चली गयी, तब जाकर धर्म परिवर्तन और तेल-पानी से इलाज का कारोबार समाप्त हुआ.
लाखों की होती थी कमाई
तेल-पानी से इलाज करने के नाम पर लाखों की उगाही आयोजक करते थे. प्रत्येक रविवार को अनाज का बोरा ट्रकों से ढोने का काम आयोजन स्थल से किया जाता था. इसके लिये आयोजन स्थल पर एक समारोह का भी आयोजन किया जाता था. मौके पर पहुंचे लोग पहले प्रवचन सुनते थे उसके बाद उनका इलाज तेल और पानी से शुरू होता था.
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