- घटना के विरोध में आक्रोश रैली के बाद उपायुक्त से मिला अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद
- कहा-आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में ढुलमुल रवैया अपना रहा पुलिस प्रशासन
में भी बिहार की तर्ज पर EOU के गठन की कवायद तेज, सात साल पहले भी भेजा गया था प्रस्ताव परिषद की ओर से कहा गया है कि वीर सैनिक अपने घरों से कोसों दूर अपने परिवारों को छोड़ कर हर विपरीत परिस्थितियों में देश की सरहदों व देशवासियों के सम्मान वव सुरक्षा में अपनी आहुति देने को तैनात रहते हैं. वहीं असामाजिक तत्व सैन्य परिवार की आबरू लूटने का कुकृत्य कर आसानी से निकल जाते हैं. परिषद ने कहा है कि एक सैनिक के लिए सामाजिक सुरक्षा के अभाव की यह अनुभूति किसी भी सभ्य समाज के मुख पर कालिख के समान है. इसे भी पढ़ें : झारखंड">https://lagatar.in/for-the-first-time-in-jharkhand-treatment-of-pancreatitis-through-endoscopy-procedure-in-medanta/">झारखंड
में पहली बार मेदांता में एंडोस्कोपी प्रक्रिया से पैंक्रियायटिस का इलाज परिषद की ओर से कहा गया है कि सभी सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों में राजधानी रांची में पिछले दिनों घटित घटना को लेकर अत्यंत रोष है. सभी सैनिकों व पूर्व सैनिकों ने इस अक्षम्य घटना की घोर भर्त्सना की है. साथ ही कहा है कि घटना के इतने समय बीत जाने के बाद भी पुलिस प्रशासन अपराधियों को पकड़ने में ढुलमूल रवैया अपना रहा है. इससे सभी सैन्य एवं पूर्व सैन्य परिवारों में रोष बढ़ता ही जा रहा है. इससे अपराधियों के हौंसले को बल मिल रहा है. ऐसी प्रशासनिक असफलता प्रशासन की संवेदनहिनता को प्रदर्शित करती है, जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं है. प्रतिनिधिमंडल में परिषद के जिलाध्यक्ष विनय यादव, महामंत्री जितेंद्र कुमार सिंह, वरुण कुमार, प्रवीण कुमार पांडेय, मनोज कुमार सिंह, सुखविंदर सिंह, अवधेश कुमार, सत्येंद कुमार, उमेश कुमार सिंह, एचपी भारती, महेंद्र कुमार समेत अन्य शामिल थे. इसे भी पढ़ें : चार">https://lagatar.in/triple-test-after-june-4-jharkhand-government-may-hold-municipal-elections-in-july/">चार
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