Jamshedpur (Ashok kumar) : घाघीडीह जेल में 26 जून 2019 को दो गुटों के बीच हुई मारपीट के बाद कैदी मनोज कुमार सिंह की हुई मौत के मामले में जेल के डॉक्टर समेत मामले के आइओ की गवाही के बाद बुधवार को आरोपियों की गवाही बुधवार को एडीजे 4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में शुरू हो गयी है. पहले दिन 7 आरोपियों की गवाही हुई है. अभी गवाही का क्रम जारी रहेगा.
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मामले में इसकी हुई गवाही
मामले में राम अंगाड़िया, पंचानन महतो, रामा करूआ, वासुदेव महतो, सोएब अख्तर उर्फ शिबू, मो. ताकिर और गोपाल तिरिया की कोर्ट में गवाही हुई. जिनकी गवाही हुई है वे सभी मामले में जमानत पर बाहर हैं. इसके अलावा गंगाधर खंडाइत, सोमू जोजो और जानी अंसारी भी जमानत पर है. तीनों की गवाही अभी बाकी है.
ये कैदी अलग-अलग जेल में हैं बंद
रांची के होटवार जेल में ऋषि लोहार और सुमित सिंह बंद है. इसी तरह से धनबाद जेल में रामराय सुरीन, अजीत दास, अनुप कुमार घोष, और सौरभ है. देवघर जेल में संजय दिग्गी, हजारीबाग जेल में अजय मल्लाह और पिंकू पूर्ति, बोकारो जेल में सोनू लाल, गिरिडीह जेल में शरत गोप और दुमका जेल में शिवशंकर पासवान बंद है.
यह था मामला
घटना के दिन शाम को घाघीडीह सेंट्रल जेल में दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत हो गयी थी. दोनों गुटों के कैदी लाठी और डंडा लेकर एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे. लिपिक की ओर से मोबाइल पर जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी को सूचना दी गयी थी. आवाज आ रही थी कि हरीश सिंह ने जेल का माहौल बिगाड़ दिया है. इसको जान से मार देंगे. हरीश को बचाकर ऑफिस में लाकर बैठया गया था. इस बीच हरीश गुट का मनोज सिंह, ऋषि लोहार व अन्य ने पंकज दुबे पर हमला बोल दिया था. पूरा विवाद हरीश के कारण उत्पन्न हुआ था. तब उसने एसटीडी बूथ पर जाकर टेलीफोन छीन लिया था. इसका विरोध अमन मिश्रा ने किया था. घटना के बाद मनोज सिंह और सुमित सिंह को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल लाया गया था. एमबुलेंस चालक ने सूचना दी थी कि मनोज की मौत हो गयी है. घटना के संबंध में 17 सजायाफ्ता और बिचाराधीन कैदियों के खिलाफ परसुडीह थाना में मामला दर्ज कराया गया था.
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