के 100 साल बाद के भारत की परिकल्पना पर आधारित है बजट- बाबूलाल मरांडी
व्यापार क्षेत्र में वित्तीय तरलता बढ़ने की संभावना
श्री सोंथालिया ने आगे कहा कि 5 लाख करोड़ रुपये के साथ ईसीजीएल योजना के विस्तार, पीएलआई योजना को विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ने सहित कई नई घोषणाओं से न केवल छोटी विनिर्माण इकाइयों बल्कि व्यापारिक क्षेत्र का भी लाभ होगा क्योंकि विनिर्माण सामान और उपभोग योग्य आय में वृद्धि से अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचेगा और व्यापार क्षेत्र में वित्तीय तरलता बढ़ने की बड़ी संभावनाएं मौजूद रहेंगी. उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि भारी बाधाओं और घरेलू और वैश्विक चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित भारतीय अर्थव्यवस्था के परिभाषित विकास के भविष्य के एजेंडे को सबसे प्रभावशाली तरीके से बजट के जरिए स्थापित करने में वित्त मंत्री सफल हुईं हैं और वह देश के व्यापारी समुदाय की तरफ से 10 में से 8 अंक की हकदार हैं.जीएसटी कर ढांचे के सरलीकरण और युक्तिकरण के संबंध में ठोस घोषणा नहीं होने से निराशा
(कैट) के राष्ट्रीय सचिव ने हालांकि इस बात पर निराशा जताईहै कि जीएसटी कर ढांचे के सरलीकरण और युक्तिकरण के संबंध में कुछ भी ठोस घोषणा नहीं की गई है जो "एक बाजार-एक कर" के सिद्धांत के विपरीत है. व्यापारियों के लिए उन्हें आयकर के संबंधित कारपोरेट क्षेत्र के बराबर रखने की भी कोई घोषणा नहीं की गई है. इसके साथ ही ई कॉमर्स में छाई मनमानी पर भी कोई बात न कहने से देश भर के व्यापारियों में बहुत निराशा है. हालांकि कुल दृष्टि से बजट एक दूरदर्शी बजट है और युवाओं में बढ़ते उत्साह को देखते हुए डिजिटल करंसी और क्रिप्टो मुद्रा को इस बजट में प्राथमिकता पर लिया गया है. साथ ही दो लाख आंगनबाड़ी का डिजिटलीकरण ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर तरीके से जोड़ेगा तथा उनके जरिए बाजार में पैसा आने की संभावनाएं बढ़ेंगी. कोविड महामारी की पृष्ठभूमि में सरकार ने एक सर्वोत्तम संभव बजट देने की कोशिश की है. उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बधाई देते हुए कहा कि बजट से भारत के मजबूत और सुपरिभाषित विकास के लिये एक निश्चित रोडमैप प्रदान करने की पहल की गई. इसे भी पढ़ें:">https://lagatar.in/on-budget-2022-rahul-gandhi-termed-the-modi-governments-zero-budget-middle-class-poor-farmers-hands-empty/">Budget 2022 को राहुल गांधी ने मोदी सरकार का जीरो बजट करार दिया, कहा, मिडिल क्लास, गरीबों, किसानों के हाथ खाली [wpse_comments_template]

Leave a Comment