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जमशेदपुर : हम सब संपत्ति के होल्डर हैं, मालिक नहीं - डॉ. संजीव

Jamshedpur ( Sunil Pandey) : जुगसलाई श्री राजस्थान शिव मंदिर में चल रहे सप्ताह व्यापी श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन गुरूवार को युवा भागवताचार्य गौभक्त डॉ. संजीव कृष्ण ठाकुर ने सुमधुर भजनों के साथ भगवान कपिल-माँ देवहुति संवाद, भक्त धु्रव चरित्र एवं वामन भगवान कथा के प्रसंग का सुंदर व्याख्यान किया. तृतीय दिवस की कथा में उपस्थित प्रभु कथा प्रेमियों द्वारा भगवान के मंगलमय पावन चरित्रों (जीवंत झांकियों) का आस्वादन किया गया. श्री वामन भगवान चरित्र कथा में महाराज ने बताया कि हम संपत्ति के होल्डर हैं मालिक नहीं. जो संपत्ति आज हमारी है, वो पहले किसी और की थी वह आगे भी किसी और की ही हो जाने वाली है. प्रभु कृपा से ही संपत्ति प्राप्त होती है और जब कभी प्रभु कृपा से अवसर प्राप्त हो तो अपनी संपत्ति को प्रभु का प्रसाद जानकर यथा संभव सेवा एवं पारमार्थिक यज्ञों में अवश्य आहूत करनी चाहिए. यही सीख राजा बलि की कथा से हमें प्राप्त होती है. जिसमें राजा बलि ने तन, मन व धन भगवान के चरणों में अर्पित कर दिया था. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-incident-in-manipur-is-a-blot-on-the-double-engine-government-of-center-and-state-sameer-mahanty/">जमशेदपुर

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ध्रुव की अटल भक्ति देख प्रकट हुए विष्णु

[caption id="attachment_705708" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/bhagwat-katha-300x259.jpg"

alt="" width="300" height="259" /> भागवत कथा में मौजूद श्रोता[/caption] देश-विदेश में सनातन संस्कृति का डंका बजाने वाले युवा कथावाचक ने भक्त ध्रुव चरित्र की कथा का विस्तार से व्याख्या करते हुए कहा कि इस कलयुग में सिर्फ भगवान का नाम लेने से मनुष्य के सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं. ध्रुव की भक्ति के आगे भगवान विष्णु को प्रगट होना पड़ा था. भक्त अगर सच्चे मन से ईश्वर की उपासना करता है तो ईश्वर उसकी मनोकामना पूरी करने पर मजबूर हो जाते है. कथावाचक ने माता देवहूति व भगवान कपिल देव के संवाद को सुनाया. उन्होंने कहा कि एक साधु के क्या लक्षण होते हैं श्रीमद्भागवत कथा सुनने से पता चलता है. आज के समय में बहुत से लोग साधु बनकर लोगों को धोखा देते हैं. उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण में जो साधु के लक्षण लिखे हैं उन्हीं से साधारण व्यक्ति को भी पता चल जाएगा कि सच्चा साधु हमेशा सहनशील, दयावान, क्षमाशील, दूसरे के दुख को देखकर दुखी होता है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-surbhi-branch-installed-sanitary-pad-vending-machine-at-sakchi-gurudwara-school/">जमशेदपुर

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