- सांसद विधायक फंड की योजनाओं पर क्यों नहीं, रेलवे भी नहीं दे रहा जवाब
Jamshedpur (Anand Mishra) : बागबेड़ा, परसुडीह और गोविंदपुर में रेल क्षेत्र की 18 पंचायतों में पंचायत प्रतिनिधियों के फंड और प्रखंड स्तर से होने वाले विकास कार्य पर रेल प्रशासन आपत्ति जता रहा है. जबकि सांसद और विधायक के फंड से होनेवाले कार्यों को लेकर रेलवे प्रशासन को आपत्ति नहीं है. ऐसे में इन प्रखंडों के जनप्रतिनिधि फंड रहते हुए भी अपनी पंचायत या वार्ड में विकास कार्य नहीं करा सकते हैं. स्थानीय लोगों की मानें, तो यह रेलवे की दोहरी नीति है. रेलवे की इस नीति के कारण स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को उक्त 18 पंचायतों में पंचायत प्रतिनिधियों के फंड से विकास कार्य पर रोक लगाने का निर्देश देना पड़ा. बीडीओ ने बताया कि यह रोक अभी भी जारी है. रही बात सांसद और विधायक के फंड से कराये जाने वाले कार्य की तो यह प्रखंड कार्यालय के स्तर से नहीं होता है, अत: उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
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बता दें कि सांसद अथवा विधायक के फंड से होनेवाले कार्य पर रोक नहीं होने की बात प्रकाश में आयी है. हालांकि रेल प्रशासन भी अब इस मसले पर सिर्फ वही कह रहा है, जो पिछले दिनों बीडीओ सुधा वर्मा ने बताया था. उन्होंने कहा था कि इन पंचायतों में विकास कार्य के लिए रेलवे से अनापत्ति प्रमाणत्र लेना होगा. इस बीच उपायुक्त अनन्य मित्तल ने गुरुवार को जिला समन्वय समिति की बैठक कर सभी बीडीओ को सभी ग्राम-पंचायतों में कम से कम पांच योजनाओं का संचालन करने का निर्देश दिया है, ताकि वहां के लोगों को रोजगार मिल सके और रोजगार दिवस सृजन को बढ़ावा मिल सके. ऐसे में सवाल यह है कि क्या इन पंचायतों में भी संबंधित योजनाओं का संचालन होगा. यदि होगा, तो निश्चित ही वहां विकास कार्य भी होंगे. इसके अलावा यदि नहीं होता है, तो वहां के लोग रोजगार योजनाओं के लाभ से वंचित रह जायेंगे.
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रेलवे का पत्र जिला मुख्यालय को नहीं
दूसरी ओर यह भी एक सवाल उठाया जा रहा है कि रेलवे ने इन 18 पंचायतों में विकास कार्य पर रोक लगाने के लिए जो पत्र प्रखंड कार्यालय में दिया है. वह पत्र जिला मुख्यालय में क्यों नहीं दिया गया है. रेल प्रशासन के एक पत्र के अनुसार विगत 30 दिसंबर 2023 को ही प्रखंड कार्यालय को रेल भूमि पर किसी तरह का विकास कार्य अथवा निर्माण नहीं करने को कहा गया था. उसके बाद पिछले 24 जनवरी को तत्कालीन बीडीओ ने कुछ विकास कार्यों के लिए एनओसी की मांग करते हुए रेल प्रशासन को पत्र लिखा. इसके जवाब में 20 फरवरी को पुनः रेल प्रशासन ने पत्र के माध्यम से विकास कार्य अथवा निर्माण पर रोक का फरमान जारी रखा.
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रेल क्षेत्र में बसी पंचायतों में विकास कार्य के लिए तो एनओसी रेलवे से एनओसी लेना होगा. इसके बगैर इन पंचायतों में कोई विकास कार्य नहीं हो सकता. रही बात सांसद व विधायक के फंड से कार्य की तो इस संबंध में मुझे जानकारी नहीं है. इसकी जानकारी लेनी पड़ेगी. चूंकि एईएन वन ट्रेनिंग में गये हुए हैं. इसलिए मैं अधिक कुछ नहीं बता सकता.
एईएन-टू, दक्षिण पूर्व रेलवे /टाटानगर.