Ranchi: झारक्राफ्ट की ओर से कंबल की खरीदारी में बरती गई अनियमितता में शामिल लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करने का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश दे दिया है. मुख्यमंत्री ने यह निर्देश झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक को दिया है. साथ ही उन्होंने अनियमितता की जांच मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से जांच से संबंधित स्थिति की जानकारी लेने की भी निर्देश दिया है. बता दें कि झारक्राफ्ट के द्वारा हरियाणा के पानीपत से कंबल की खरीदारी की गई थी.
अनियमितता में कौन-कौन शामिल
झारक्राफ्ट के द्वारा 23 फरवरी 2018 को विस्तृत जांच प्रतिवेदन जारी किया गया था. विस्तृत जांच में एनएचडीसी के पदाधिकारी नसीम अख्तर (धागा आपूर्ति पदाधिकारी, ट्रांसपोर्टर), झारक्राफ्ट के तत्कालीन उप महाप्रबंधक अशोक ठाकुर, मुख्य वित्त पदाधिकारी सहित झारक्राफ्ट की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी रेनू गोपीनाथ पणिक्कर की शामिल होने की संभावना जतायी गयी थी.
बाद में झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक द्वारा रेनू गोपीनाथ पणिक्कर, अशोक ठाकुर से स्पष्टीकरण भी मांगी गयी थी. इसके बाद झारक्राफ्ट के द्वारा बताया गया कि कंबल निर्माण हेतु खरीद की विहित प्रक्रिया नहीं अपनाई गई. इसके उपरांत विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत इस मामले की विस्तृत जांच का जिम्मा एसीबी को सौंप दिया गया.
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रघुवर राज में हुई कंबल खरीद में गड़बड़ी की जांच में हुई थी पुष्टि
पूर्ववर्ती रघुवर सरकार में झारक्राफ्ट और कतिपय समितियों के द्वारा हरियाणा के पानीपत से कंबल खरीदने में अनियमितता उजागर हुई थी. गड़बड़ी को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव को जनवरी 2018 में जांच कराने के लिए आवेदन दिया गया था. जिसपर तत्कालीन विकास आयुक्त ने विभागीय सचिव को जांच का निर्देश दिया था.
निर्देश के बाद महालेखाकार से अनियमितता के संबंध में ऑडिट कराया गया. महालेखाकार ने कंबल उत्पादन से लेकर कंबल आपूर्ति में हुई गड़बड़ियों की बात साबित की थी. फिर इसके बाद पूरे मामले की संयुक्त रूप से जांच कराई गयी थी. झारक्राफ्ट के तत्कालीन प्रबंध निदेशक ने विकास आयुक्त को जो जांच रिपोर्ट सौंपी, उसमें भी कंबल आपूर्ति में अनियमितता की बात स्वीकारी गयी थी.
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