Ranchi : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधायक प्रदीप यादव ने सदन में सवाल उठाया कि झारखंड में प्रतिदिन 2200 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. लेकिन राज्य अपने संसाधनों से केवल 400 मेगावाट बिजली उत्पादन कर पा रहा है. उन्होंने कहा कि पीटीपीएस, एनटीपीसी को हस्तांतरन के शर्तो में एक सिर्फ यह भी था कि एनटीपीसी 500 मेगावाट बिजली पुरानी यूनिवर्सिटी देगी, जो अब तक नहीं मिला है. इससे धीरे-धीरे झारखंड बिजली बोर्ड को इस तरह से बाहरी स्रोतों से बिजली खरीदने से आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है, जिसका खर्च आम जनता भुगत रही है. इसपर मंत्री स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जवाब देते हुए कहा कि झारखंड में स्थापित विद्युत संयंत्र की क्षमता सिकिदिरी जल परियोजना के तहत 2×65 मेगावाट और तेनुघाट ताप विद्युत घर से 2×10 मेगावाट है. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड एवं झारखंड सरकार के बीच हुए संयुक्त उद्यमी समझौते के तहत 19 साथ 2015 से पुराने यूनिट से 115 से 120 मेगावाट बिजली देने का प्रावधान था. लेकिन पर्यावरण और अन्य कारणों की वजह से पुराने यूनिट का संचालन नहीं हो पाया और उसके एवज में एनटीपीसी द्वारा कोरवा एवं फरक्का तेज 3 से 50 50 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति की जा रही है. बन्ना गुप्ता ने कहा कि पतरातू में प्रथम चरण में 800 मेगावाट के 3 विद्युत संयंत्र की स्थापना प्रक्रियाधीन है. जिसकी पहली यूनिट से 800 मेगा वाट का संचालन 2023-24 में होगा. जबकि अन्य इकाइयों की स्थापना 6 माह के बाद होगा जिसके बाद जनता को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी. इसे भी पढ़ें - खून">https://lagatar.in/hemant-government-which-collects-revenue-by-imposing-surcharge-on-blood-is-exploiting-the-poor-and-youth-amit-mandal/">खून
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झारखंड विधानसभा: प्रदीप यादव ने उठाया बिजली पर सवाल, कहा – NTPC वादे से मुकरी,जनता भुगत रही खामियाजा

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