Ranchi : झारखंड में लागू स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान ई-काॅमर्स से गैर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को प्रतिबंधित करने के लिए गुरुवार को झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रारंभिक चरण से लेकर पिछले वर्ष महामारी को नियंत्रित करने तक लोगों को खाद्यान्न की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही लगभग छह माह से भी अधिक अवधि तक व्यावसायिक गतिविधियों को बंद रखा. इसके बाद भी जीएसटी संग्रह में वृद्धि की दिशा में व्यापारियों व उद्यमियों का योगदान स्मरणीय रहा है. महामारी की दूसरी लहर के दौरान भी स्थिति सामान्य बनाये रखने के लिए प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराने में व्यापारी समाज सरकार के साथ निर्णायक भूमिका निभा रहा है. एक ऐसे समय में जब स्थानीय व्यापारियों को गैर-आवश्यक सामग्रियों को बेचने की मंजूरी नहीं दी जा रही है, तब ई-काॅमर्स प्लेटफार्मों को ऐसा करने की अनुमति देना व्यापारिक असंतुलन पैदा करेगा.
व्यापार संचालन का यह प्रारंभिक और प्रायोगिक चरण
फेडरेशन ऑफ़ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज यह महसूस करता है कि महामारी से लड़ाई के बीच व्यापार संचालन का यह प्रारंभिक और प्रायोगिक चरण है, जिससे निपटने की चुनौतियां अधिक हैं. इस दौरान प्रदेश में ई-काॅमर्स प्लेटफाॅर्म को गैर आवश्यक वस्तुओं के व्यापार की अनुमति देना अनुचित है. वर्तमान में दुकानें बंद करके भी स्थानीय व्यापारी को अपनी दुकान का किराया, कर्मचारियों का वेतन, बिजली बिल, होल्डिंग टैक्स सहित अन्य फिक्स्ड एक्सपेंसेस का वहन करना पड़ रहा है. यह आग्रह किया गया कि प्रदेश में लागू स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान झारखंड में तत्काल प्रभाव से ई-काॅमर्स कंपनियों को गैर आवश्यक वस्तुओं का व्यापार प्रतिबंधित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करें.
पिछले वर्ष ई-काॅमर्स पर गैर आवश्यक वस्तुओं का व्यापार प्रतिबंधित था
चैंबर महासचिव राहुल मारू ने कहा कि पिछले वर्ष लाॅकडाउन के दौरान भी राज्य सरकार द्वारा ई-काॅमर्स पर गैर आवश्यक वस्तुओं का व्यापार प्रतिबंधित रखा गया था, जिस कारण जब बाजार में सामान्यतया दुकानें खुलीं तो व्यापारी, अपने व्यापार को वापस ट्रैक पर लाने में सफल हो पाये थे. वर्तमान में यदि ई-काॅमर्स से गैर जरूरी सेवाओं का व्यापार जारी रहा, तो आज व्यापारी कोविड की चुनौतियों से तो निपट लेंगे, किंतु जब बाजार सामान्य रूप से खुलेंगे तो उनके पास खरीदारी के लिए कोई ग्राहक ही उपलब्ध नहीं रहेंगे.