Ranchi: झारखंड आई.ए.एस. आफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन (JIASOWA) द्वारा इस साल 2-6 नवंबर तक बहुप्रतिक्षित जेसोवा दिवाली मेला का आयोजन किया जाएगा. राविवार को जेसोवा की बैठक में अध्यक्ष मिनी सिंह, सचिव मनु झा और सभी सदस्य शामिल थीं. जेसोवा की ओर से 2003 से ही इस तरह का आयोजन लगातार किया जाता रहा है. दिवाली मेले का उद्देश्य महिला उद्यमिता और ग्रामीण कारीगरों को बढ़ावा देना है. मेले में गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों से देश भर के कारीगर भाग लेंगे. दिवाली मेले में 200 से ज्यादा स्टॉलों पर ग्राहकों को खरीदारी का मौका मिलेगा. देश के कोने-कोने में प्रचलित लोक कलाओं से संबंधित उत्पाद, प्रचलित परिधान संग्रह उपलब्ध रहेगा.
इसे पढ़ें- रांची के अपर समाहर्ता ने राहे और सोनाहातू प्रखंड के बूथों पर जाकर किया पन्ना वेरिफिकेशन
दिवाली मिलन में बच्चों के साथ- साथ व्यस्कों के लिए एडवेंचर गेम्स आकर्षण के मुख्य केंद्र होंगे. सावन मिलन में स्टॉलों और मनोरंजन के अलावा पूरे भारत के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किये जाएंगे. झूमर, छऊ और अन्य पारंपरिक नृत्यों का आनंद भी मेले में आने वालों को मिलेगा. मेले में आगंतुकों की सुविधा के लिए मोबाइल एटीएम भी रहेगा. हेल्थ चेक अप कैंप, आधार पंजीकरण केंद्र एवं झारखंड सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी से संबंधित स्टॉल भी रहेंगे. 200 से ज्यादा स्टॉलों पर ग्राहकों को खरीदारी का मौका मिलेगा. देश के कोने-कोने में प्रचलित लोक कलाओं से संबंधित उत्पाद, प्रचलित परिधान संग्रह उपलब्ध रहेगा. स्टॉल के लिए इच्छुक लोग JIASOWA से संपर्क कर सकते हैं.
इसे भी पढ़ें- Exclusive: दुमका में झंडोत्तोलन को लेकर DIG-डीसी में विवाद, DC ने सरकार को लिखा पत्र
JIASOWA एक पंजीकृत सोसाइटी है, जो अपने स्थापना वर्ष से ही झारखंड में विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी कार्यों में अपनी सहभागिता प्रदर्शित करता रहा है. संस्था द्वारा आयोजित मेले के आयोजन से होने वाले आय,विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी कार्यों पर खर्च किये जाते हैं. जैसे- हेल्थ चेकअप कैंप, समाज में पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, नेत्रहीन विद्यालय, मूक एवं बधिर विद्यालय, प्रोबेशन होम, वृद्धाश्रम एवं अन्य जरूरतमंद लोगों के बीच उनके जरूरत की सामग्रियों का समय-समय पर वितरण, उनकी चिकित्सा हेतु अनुदान, पौधारोपण अभियान कराते है.
Leave a Reply