Ranchi : झारखंड में 14 साल की सेवा पूरी कर चुके आईपीएस को अबतक प्रमोशन नहीं मिला है. दरअसल 2009 बैच के तीन आईपीएस को डीआईजी रैंक में 31 दिसंबर 2022 तक प्रमोशन मिला जाना चाहिए था. लेकिन प्रमोशन पाने की अवधि के पांच महीने बीत जाने के बाद भी इन तीनों आईपीएस को डीआईजी रैंक में प्रमोशन नहीं दिया गया है. जिन्हें प्रमोशन नहीं दिया गया है, उसमें संजय रंजन सिंह (सीओ मुसाबनी), इंद्रजीत महथा (सीओ जैप 2) और संजीव कुमार (धनबाद एसएसपी) शामिल हैं. समय पर प्रमोशन ना होने और प्रमोशन में पांच माह की देरी होने से अधिकारियों के वेतन का भी नुकसान हो रहा है. (पढ़ें, CM हेमंत के निर्देश पर मेडिकल टीम पहुंची बालासोर, घायलों के इलाज में जुटे सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ अजीत)
2005 और 2010 बैच के आईपीएस को मिल गया प्रमोशन
राज्य सरकार ने 2005 बैच के आईपीएस अधिकारियों को 29 दिसंबर 2022 को आईजी रैंक में प्रोन्नति दी थी. इसके अलावा 2010 बैच के नौ आईपीएस को भी सलेक्शन ग्रेड में प्रोन्नति मिल गयी है. लेकिन 2009 बैच के आईपीएस को अबतक डीआईजी रैंक में प्रोन्नति नहीं दी गयी.
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आईपीएस के 12 महत्वपूर्ण पद अतिरिक्त प्रभार पर चल रहे, 32 पद रिक्त
झारखंड पुलिस इस समय आईपीएस अधिकारियों की कमी झेल रही है. राज्य में आईपीएस अधिकारियों के 12 महत्वपूर्ण पद अतिरिक्त प्रभार पर चल रहे हैं. वहीं 32 पद पूरी तरह खाली पड़े हुए हैं. वर्तमान में झारखंड में आईपीएस के 149 पद स्वीकृत हैं. जिनमें 111 आईपीएस झारखंड में है. इन 111 आईपीएस में 22 केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. आईपीएस की कमी का सीधा असर प्रशासनिक कार्यों के निष्पादन पर पड़ रहा है. सुपरविजन में विलंब होने से लंबित कांडों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसका असर प्रदेश में विधि-व्यवस्था से लेकर नक्सल अभियान तक में पड़ रहा है.
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