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झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच ने 27 प्रतिशत रिजर्वेशन का प्रस्ताव किया पारित

Ranchi: झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच के तत्वावधान में राज्य स्तरीय वार्षिक सम्मेलन का आयोजन रविवार को पुराने विधानसभा परिसर में आयोजित किया गया. इसे लेकर मंच के द्वारा 12 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया. जिसमें मुख्य प्रस्ताव आरक्षण अधिकार को लेकर संविधान दिवस पर महा रैली के आयोजन की घोषणा की गई. मंच के केंद्रीय अध्यक्ष कैलाश यादव ने बताया कि ओबीसी सहित एससी-एसटी और माइनॉरिटी का राजनीतिक तौर पर हो रहे शोषण और सामाजिक रूप से बरगलाने का जो प्रयास बीजेपी के द्वारा किया जा रहा है, इससे स्पष्ट है कि 2024 के चुनाव में इन वर्गों के मौलिक अधिकारों के हनन का प्रयास की तैयारी है. [caption id="attachment_735106" align="alignnone" width="1600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/08/2-52.jpg"

alt="" width="1600" height="1200" /> कार्यक्रम के दौरान ओबीसी मंच के सदस्य[/caption] झारखंड में बीजेपी की सरकार आते ही ओबीसी को मिलने वाली 27 प्रतिशत आरक्षण को घटा दिया गया था. इसके बाद हेमंत सरकार ने इसे 27 प्रतिशत करने की बात कही, लेकिन सरकार बनते ही केंद्र सरकार को अनुशंसा भेज दिया जो उचित नहीं है. हेमंत सरकार इसे कैबिनेट में पास करा कर पारित कर सकती है. इसे पढ़ें- पलामू">https://lagatar.in/palamu-ticket-checking-campaign-in-express-trains-196-ticketless-passengers-arrested/">पलामू

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बरही के विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि ओबीसी के पूरे भारत में 40% वोटर हैं, और इनकी आबादी 52% है. ऐसे में राजनीतिक हनन की तैयारी बीजेपी की ओर से की जा रही है. उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन को दबाया गया है, और देश भर में राम का नाम रटाया जा रहा है. बता दें कि हमारे पूर्व नेता राम मनोहर लोहिया ने ओबीसी को एक पहचान दिलायी थी. पूर्व विधायक गौतम सागर राणा ने वार्षिक सम्मेलन पर कहा कि ओबीसी का इतिहास युगों से चला रहा है, और बीजेपी का जन्म तो अभी हुआ है. बीजेपी चाहे जितना प्रयास कर ले ओबीसी को तोड़ नहीं सकती. झारखंड सरकार भी ओबीसी और एससी के साथ गलत कर रही है. इनके आरक्षण घटाए जाने से आज वे लोग नौकरी से वंचित हो चुके हैं. और पलायन को मजबूर हैं. इसके अलावा ना तो आज तक जातिगत जनगणना का प्रस्ताव लाया गया और ना ही इनके लिए कोई सुविधा दी जा रही है.

पारित हुए प्रस्ताव

26 नवंबर 2023 संविधान दिवस पर आरक्षण अधिकार महारैली का आयोजन 100000 लोग शामिल होंगे. पंचायत एवं नगर निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति के तर्ज पर ओबीसी एवं अनुसूचित जाति को अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद पर आरक्षित करने को लेकर नियमावली बनाया जाये. सरकारी चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस करने में छूट देने का निर्णय वापस लिया जाये. संबंधित ओबीसी आरक्षण मंच का एक विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल झारखंड के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से मुलाकात कर प्रतिवेदन दिया जाये. इसे भी पढ़ें- GOOD">https://lagatar.in/goog-news-1033-pgt-teachers-tribal-regional-languages-will-be-reinstated-in-510-plus-two-schools-jharkhand/">GOOD

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सरकार से करेंगे मांग

ओबीसी को 14 से 27 एवं एक को 10 से 14 फ़ीसदी आरक्षण सीमा बढ़ाने के लिए सरकार केंद्र को नोवी सूची में भेजने का बजे स्वयं राज्य सरकार अधिसूचना जारी करें.

राज्य में जाति आधारित जनगणना अविलंब सुनिश्चित हो

जाति आवासीय प्रमाण पत्र सरल कर बिना शर्त निर्गत करने की अधिसूचना जारी करें एवं सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने का कार्य करें. अन्य राज्यों के तर्ज पर राज्य में मदरसा शिक्षा एवं वक्फ बोर्ड का गठन करें राज्य के सभी स्कूलों कॉलेजों एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों में एसटी-एससी ओबीसी माइनॉरिटी के छात्र-छात्राओं का नामांकन निशुल्क किया जाये. विस्थापन एवं पुनर्वास अयोग्य किसान आयोग महादलित आयोग एवं जनलोकपाल का अविलंब गठन किया जाये.

अति पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता मिले

निजी स्कूलों एवं निजी अस्पतालों में अनियंत्रित शुल्क वसूलने के खिलाफ अविलंब सख्त कानूनी कानून बने. गंभीर बीमारी के लिए 2500000 रुपये सहायता राशि निर्गत करने का निर्णय सरकार ले. राज्य में असहाय वरिष्ठ नागरिकों के लिए जिला वार वृद्ध आश्रम बनाया जाये. [wpse_comments_template]

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