Ranchi : नए साल 2023 में झारखंड पुलिस पर संगठित आपराधिक गिरोह के ऊपर लगाम लगाने की चुनौती होगी. झारखंड में कई छोटे बड़े अपराधिक गिरोह सक्रिय हैं, लेकिन वर्तमान समय की बात की जाये तो तीन ही आपराधिक गिरोह पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ हैं. ये आपराधिक गिरोह माओवादी और उग्रवादी संगठन की तरह घटना को अंजाम देने के बाद जिम्मेवारी भी ले रहा है. जानिए वैसे आपराधिक गिरोह के बारे में जो पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है.
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कोयलांचल क्षेत्र में अमन साहू गिरोह का उत्पात बढ़ा
झारखंड में कई आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं. लेकिन इन दिनों अन्य गिरोह की तुलना में अमन साहू गिरोह का उत्पात बढ़ा है. खासकर यह गिरोह राज्य के लातेहार, चतरा, रामगढ़, हजारीबाग और रांची के कोयलांचल क्षेत्र में उत्पात मचा रहा है. इस गिरोह के द्वारा घटना को अंजाम देने के बाद मयंक सिंह नाम का व्यक्ति घटना का जिम्मेवारी भी लेता है. अमन साहू के जेल में बंद होने के बावजूद उसके गिरोह की सक्रियता कम नहीं हुई है. अमन साहू जेल से ही अपने गिरोह को चला रहा है.
पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी मुताबिक अमन साहू आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में सुजीत सिन्हा के गुर्गों का इस्तेमाल कर रहा है. पहले अमन साहू सुजीत सिन्हा गिरोह से ही जुड़ा था. लेकिन बाद में उसने खुद का गिरोह तैयार कर लिया. अमन साहू जेल में रह कर भी हर महीने लाखों रूपये की लेवी उठा रहा है. सुजीत सिन्हा के गिरोह में शामिल ज्यादातर अपराधी पलामू के ही रहने वाले हैं.
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धनबाद का आतंक बना प्रिंस खान
प्रिंस खान इन दिनों धनबाद में आतंक का पर्याय बना हुआ है. व्यवसायियों, कोयला कारोबारियों, चिकित्सकों व अन्य संपन्न लोगों को धमकी देना, गोलीबारी कर दहशत फैलाना उसका शौक बन गया है. उसके गुर्गे कभी सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर, कभी चिट्ठी लिख कर, तो कभी वीडियो वायरल कर गोलीबारी की जिम्मेदारी लेते देखे जाते हैं. विभिन्न माध्यमों से जारी उनके गुर्गे संदेश देते फिर रहे हैं कि छोटे सरकार की बात मान जाओ, वरना जान से हाथ धो बैठोगे. वह पुलिस को भी खुली चुनौती दे रहा है. आतंक व दहशत फैलाने में उसने एक समय के चर्चित गैंग ऑफ वासेपुर के सरगना फहीम खान को भी पीछे छोड़ दिया है. धनबाद पुलिस बार बार प्रिंस खान को गिरफ्तार करने का आश्वासन तो देती है, मगर उसकी परछाईं तक का पता लगाने में नाकाम रही है.
गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को गिरफ्तार करना बना चुनौती
गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को गिरफ्तार करना झारखंड के रांची, रामगढ़, लोहरदगा, हजारीबाग और लातेहार जिले की पुलिस के लिए चुनौती बन गया हैं. इससे तो यही लगता है पुलिस का खुफ़िया तंत्र फेल हो चुका है या फिर पुलिस लापरवाह है. इतने कांड होने के बाद भी आज तक अपराधी को पकड़ा नहीं जाना चिंता का सबब है. अमन श्रीवास्तव गिरोह के द्वारा जहां व्यवसायियों से रंगदारी वसूली जा रही है, वहीं रंगदारी नहीं देने पर वाहनों में आगजनी और जान से मारने की धमकी भी दी जाती है. बता दें कि अमन श्रीवास्तव के खिलाफ रांची, रामगढ़, लोहरदगा, हजारीबाग और लातेहार जिले के अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज हैं. यह गिरोह भी घटना के बाद जिम्मेवारी लेने का काम करता है.
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