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झारखंड में वेक्टर जनित बीमारियों से निपटने की रणनीति तैयार, दिसंबर तक ट्रेनिंग पूरी करने के निर्देश

 

 

 

 

Ranchi : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), झारखंड के RCH सभागार में बुधवार को वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव और एनएचएम की अभियान निदेशक आराधना पटनायक ने की.

 

बैठक में झारखंड में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार और फाइलेरिया जैसी बीमारियों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई. श्रीमती पटनायक ने कहा कि इन रोगों की रोकथाम के लिए समन्वित प्रयास जरूरी हैं. उन्होंने समय पर सर्वेक्षण, जन-जागरूकता, स्वच्छता, सामुदायिक भागीदारी और निगरानी को आवश्यक बताया.

 

उन्होंने निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों, सहिया और सुपरवाइजरों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि वे रोग पहचान और नियंत्रण की नवीनतम तकनीकों में दक्ष हो सकें.

 

साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों की ट्रेनिंग दिसंबर तक पूर्ण करने और सिकल सेल एनीमिया कार्ड वितरण को प्रखंड स्तर तक बढ़ाने की बात कही. उन्होंने 31 दिसंबर तक सभी कमजोर आबादी की टीबी स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया.

 

बैठक में एनसीवीबीडीसी की निदेशक डॉ तनु जैन ने बताया कि झारखंड ने 2023 में कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि घरों में कीटनाशक छिड़काव और मरीजों की समय पर जांच से यह नियंत्रण बना रहेगा. डॉ छवि पंत जोशी ने फाइलेरिया नियंत्रण की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि एमडीए राउंड में सभी लाभुकों को दवा दी जानी चाहिए.

 

एनएचएम झारखंड के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि जल-जमाव प्रबंधन और स्वच्छता उपायों से मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है. बैठक में राज्य और जिला स्तर के अधिकारी, WHO और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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