Ranchi : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू), रांची में आज ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) द्वारा स्कॉलरशिप के लंबित मुद्दों को लेकर एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. प्रेस वार्ता में ई-कल्याण योजना के तहत वर्षों से लंबित छात्रवृत्तियों की स्थिति पर चिंता जताई गई और इसे सामाजिक न्याय और शिक्षा के अधिकार पर हमला बताया गया.
आइसा झारखंड की राज्य अध्यक्ष विभा पुष्पा दीप ने कहा कि SC, ST और BC वर्ग के छात्र, विशेषकर झारखंड के दूरदराज इलाकों से आने वाले विद्यार्थी, स्कॉलरशिप न मिलने के कारण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की उदासीनता के चलते सैकड़ों छात्र या तो पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं या भारी ऋण लेकर अपनी शिक्षा जारी रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्कॉलरशिप के लिए अपनी हिस्सेदारी जारी कर दी है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अब तक कोई राशि नहीं आई है. सरकार गरीब छात्रों की मदद करने के बजाय उन्हें सस्ता श्रमिक बनाने पर तुली हुई है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस को आगे बढ़ाते हुए आइसा राज्य उपाध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि भले ही 2025–26 के बजट में केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने स्कॉलरशिप के लिए राशि निर्धारित की हो — केंद्र द्वारा ₹4,500 करोड़ और झारखंड सरकार द्वारा OBC छात्रों के लिए ₹1.62 करोड़ — लेकिन इसका जमीन पर कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि रांची जिले में जहां पिछले वर्ष करीब 60,000 छात्रों को लाभ मिला था, इस वर्ष अब तक केवल 1,454 छात्र ही लाभान्वित हो पाए हैं.
आइसा की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं-
* लंबित स्कॉलरशिप राशि का अविलंब वितरण
* स्कॉलरशिप बजट में पारदर्शिता और जवाबदेही
* शिक्षा बजट को कुल बजट का न्यूनतम 10% किया जाए
* राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की फीस वृद्धि पर रोक लगाई जाए
डीएसपीएमयू छात्र संघ के सचिव अनुराग रॉय ने कहा कि स्कॉलरशिप का यह संकट झारखंड की उच्च शिक्षा प्रणाली को गंभीर खतरे में डाल रहा है. वहीं, सह सचिव मोहम्मद समी ने चेतावनी दी कि यदि छात्रों की मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो आइसा सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में रांची जिला सचिव संजना मेहता, विवेक कुमार, पूनम कुमारी, अनुपम महतो और राहुल महतो भी उपस्थित रहे.
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