आयोग की रिपोर्ट : देश के अस्पताल बीमार! समय पर इलाज नहीं मिलता, हो जाती हैं 30 फीसदी मौतें
महज कागजी संस्था बनकर रह गयी है झारखंड राज्य विधि आयोग
झारखंड राज्य विधि आयोग का गठन 14 नवंबर 2002 को किया गया था. गठन दो वर्षों के लिए किया गया था. काफी जद्दोजहद के बाद सरकार ने आयोग का कार्यकाल नवंबर 2021 तक के लिए बढ़ा, तो दिया मगर आयोग में अब तक न तो अध्यक्ष और न ही सदस्य सचिव की नियुक्ति की गई. आयोग में अंतिम बार 31 अक्टूबर 2014 तक के लिए ही अध्यक्ष की नियुक्ति की गयी थी. अंतिम अध्यक्ष राज किशोर महतो बनाये गये थे. उसके बाद से आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गयी है. ऐसे में यह सरकारी संस्था महज कागजी संस्था बन कर रह गया है.अध्यक्ष और सचिव की नियुक्ति की बात सरकार के पास है विचाराधीन
विधि विभाग के हवाले से कहा गया है कि झारखंड राज्य विधि आयोग के गठन के बाद से समय-समय पर इसका अवधि विस्तार किया गया. इस अवधि विस्तार में आयोग में संविदा पर कार्यरत कर्मियों का सेवा विस्तार किया जाता रहा है. 1 नवंबर 2014 से 13 नवंबर 2021 तक आयोग की अवधि विस्तार तो की गयी, पर इस अवधि में अध्यक्ष, सदस्य सचिव के पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गयी है. हालांकि इनके और पदाधिकारियों की नियुक्ति की बात सरकार के पास विचाराधीन है. इसे भी पढ़ें – झारखंड">https://lagatar.in/condition-of-jharkhand-police-the-department-which-has-the-responsibility-of-gathering-intelligence-information-across-the-state-is-headless/">झारखंडपुलिस का हाल : जिस विभाग के पास राज्यभर की खुफिया सूचना जुटाने की जिम्मेवारी, वह है नेतृत्वविहीन [wpse_comments_template]
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