Ranchi: झारखंड की बिजली सेंट्रल और प्राइवेट सेक्टर के भरोसे टिकी हुई है. पतरातू पावर प्लांट से उत्पादन शुरू होने में अब तक संशय बरकरार है. इसकी वजह ट्रांसमिशन लाइन का पूरा नहीं होना है. राज्य के दो पावर प्लांट टीवीएनएल और सिकिदिरी हाइडल राज्य के बिजली की जरूरत को पूरा कर पाने में सक्षम नहीं है.
टीवीएनएल की उत्पादन क्षमता 420 मेगावाट और सिकिदिरी हाइटल की उत्पादन क्षमता 130 मेगावाट की है. सिकिदिरी हाइडल जल संसाधन विभाग के रहमोकरम पर है. सिर्फ बरसात में ही इसे चलाया जा सकता है. वहीं टीवीएनएल महीने से तीन से चार बार ट्रिप कर जाता है. जिससे औसतन 200 मेगावाट तक ही बिजली मिल पाती है. टीवीएनएल का अब तक विस्तारीकरण भी नहीं हो पाया है.
एनटीपीसी और डीवीसी के भरोसे राज्य की बिजली व्यवस्था
एनटीपीसी और डीवीसी के भरोसे राज्य की बिजली व्यवस्था टिकी हुई है. चालू वित्तीय वर्ष में भी झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम एनटीपीसी, पीटीसी, डीवीसी, आधुनिक और इंलैंड पावर से बिजली खरीदेगा.
इस वित्तीय वर्ष में कुल 8808.18 करोड़ की बिजली खरीदी जाएगी. इसमें एनटीपीसी से कुल 3585.32 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी जाएगी. जबकि डीवीसी से 2369.18 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी जाएगी. डीवीसी राज्य के सात जिलों में बिजली की आपर्ति करता है.
10 साल बाद भी पतरातू प्लांट से बिजली नहीं
पतरातू में 4000 मेगावाट पावर प्लांट बनाने के लिए झारखंड सरकार ने 2015 में एनटीपीसी के साथ करार किया था. करार के मुताबिक, पहले चरण में 2400 मेगावाट का पावर प्लांट बनना है और दूसरे चरण में 1600 मेगावाट पावर प्लांट बनाया जाना है, पहले चरण का उत्पादन साल 2019 में शुरू होना था. लेकिन अब तक उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है. राज्य सरकार और एनटीपीसी के साथ हुए समझौते के अनुसार, 85 फीसदी बिजली राज्य सरकार को मिलेगी.
किससे कितने करोड़ की खरीदी जाएगी बिजली
एनटीपीसी - 3441.89 करोड़
एनएचपीसी - 16.82 करोड़
पीटीसी(पन बिजली) - 126.61 करोड़
डीवीसी - 2369.18 करोड़
टीवीएनएल - 2369.48 करोड़
आधुनिक - 631.97 करोड़
इंलैंड पावर - 250.57 करोड़
सोलर पावर - 301.88 करोड़
विंड एनर्जी - 289.71 करोड़
सिकिदिरी हाइडल - 64.08 करोड़
दूसरे के लाइन से बिजली लेने के लिए ट्रांसमिशन चार्ज - 583.97 करोड़