आयुष्मान योजना के क्लेम की राशि का नहीं हुआ सदुपयोग
प्रतुल ने कहा कि देश के जरूरतमंद और गरीबों के लिए 23 सितंबर 2018 को पीएम मोदी ने रांची से ही आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी. लोगों को सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए यह योजना शुरू हुई थी. कार्डधारकों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा इससे मिल रही है. योजना के तहत क्लेम आने से उस पैसे का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के अलावे स्वास्थ्य कर्मियों को इंसेंटिव देने में करना था. पिछले साढ़े तीन सालों में आयुष्मान से रिम्स को 9 करोड़ का क्लेम मिला, लेकिन प्रावधानों के अनुसार न तो इसकी 75 फीसदी राशि का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट पर हुआ और न ही हेल्थ वर्करों को एक पैसे का इंसेंटिव मिला. इसे भी पढ़ें – दावा:">https://lagatar.in/claim-9-congress-mlas-against-their-own-ministers-said-will-not-work-according-to-public-interest-will-complain-to-high-command/">दावा:अपने ही मंत्रियों के खिलाफ हुए 9 कांग्रेसी विधायक, कहा- जनहित के काम नहीं कर रहे, करेंगे शिकायत
केंद्र दे रहा योजनाएं, लेकिन गंभीर नहीं है राज्य सरकार
उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में और भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. अब तक देश में 8694 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं. कैंसर, टीबी और अन्य बीमारियों के लिए इस सेंटर के जरिये सस्ती दवाइयां मिल रही हैं. कोरोना काल में केंद्र ने ई-संजीवनी सेवा शुरू की, जिससे औसतन 1 लाख रोगियों को हर दिन इलाज मुहैया कराया जा रहा है. आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत हुई है. एम्स की संख्या में भी दोगुनी बढ़ोतरी हुई है. मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 48 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके विपरीत राज्य सरकार के स्तर से स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीरता नहीं दिखायी गयी है. इसे भी पढ़ें – पश्चिम">https://lagatar.in/bjps-star-campaigners-arjun-munda-and-babulal-marandi-sweating-the-west-bengal-by-election/">पश्चिमबंगाल उपचुनाव में पसीना बहा रहे भाजपा के स्टार प्रचारक अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी [wpse_comments_template]

Leave a Comment