Raipur : ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन आज मंगलवार को 89 साल की उम्र में हो गया. श्री शुक्ल का इलाज रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चल रहा था.
महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन एक बड़ी क्षति है। नौकर की कमीज, दीवार में एक खिड़की रहती थी जैसी चर्चित कृतियों से साधारण जीवन को गरिमा देने वाले विनोद जी छत्तीसगढ़ के गौरव के रूप में हमेशा हम सबके हृदय में विद्यमान रहेंगे।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) December 23, 2025
संवेदनाओं से परिपूर्ण उनकी रचनाएँ पीढ़ियों… pic.twitter.com/47mFIzFYBc
पिछले माह विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने एक नवंबर को विनोद कुमार शुक्ल से बात कर स्वास्थ्य का हाल चाल लिया था. विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था.
अहम बात यह है कि साहित्य प्रेमी विनोद कुमार शुक्ल की लेखनी के कायल थे. वे देश के कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किये गये. वे गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके थे.
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने शुक्ल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन एक बड़ी क्षति है.
सीएम ने लिखा, नौकर की कमीज, दीवार में एक खिड़की रहती थी, जैसी चर्चित कृतियों से साधारण जीवन को गरिमा देने वाले विनोद जी छत्तीसगढ़ के गौरव के रूप में हमेशा हम सबके हृदय में विद्यमान रहेंगे. संवेदनाओं से परिपूर्ण उनकी रचनाएं पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी. उनके परिजन एवं पाठकों-प्रशंसकों को हार्दिक संवेदना.
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