Kandra : राज्य सरकार के विरोध में आदिवासी मूलवासी भूमि रक्षा समिति ने मशाल जुलूस निकाला. बस स्टैंड से जुलूस निकला और भारत पेट्रोलियम पंप से होते हुए कांड्रा एसकेजी मैदान में समाप्त हुआ. आदिवासी मूलवासी भूमि रक्षा समिति के अध्यक्ष सह मुख्य सलाहकार ने कहा कि बिहार से झारखण्ड को अलग हुये 21 वर्ष हो चुका है. अभी तक किसी भी सरकार ने स्थायी नीति नहीं बनाई, जो यहां के मूल वासियों के लिए दुर्भाग्य का विषय है. सबसे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि देश में जो भी राज्य निर्माण हुआ वह संविधान के अनुच्छेद के तहत स्थापित हुआ. लेकिन यहां के मूल निवासियों के साथ न्याय नहीं हुआ. सभी राज्यों में अलग-अलग स्थाई डोमिसाइल पॉलिसी है. जो संविधान के अनुच्छेद तीन के तहत स्थापित हुआ है. उसी के तहत झारखंड के आदिवासी समाज के नेता और भारत सरकार के बीच आपसी समझौता और सहमति से झारखंड राज्य को अलग किया गया था. इसे भी पढ़ें : चांडिल:">https://lagatar.in/chandil-four-hand-pumps-in-the-health-center-of-neemdih-all-four-are-defective-problems-being-faced-by-the-villagers/">चांडिल:
नीमडीह के स्वास्थ्य केंद्र में चार चापाकल, चारों खराब; ग्रामीणों को हो रही परेशानी झारखण्ड राज्य के कुछ हिस्से को बांटकर उड़ीसा बंगाल और बिहार राज्य के शासन प्रणाली में रखी गई. उसी शासन प्रणाली में राज्य को अलग करने के लिए आदिवासी मूलवासी समाज के लोग कई वर्षों तक संविधानिक तरीके से आंदोलन करते हुये, 15 नवंबर वर्ष 2000 को झारखंड राज्य की स्थापना हुई. लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने स्थानीय निति लागू नहीं की. जुलूस में आदिवासी मूलवासी रक्षा समिति के अध्यक्ष सह मुख्य सलाहकार संग्राम मार्डी, सुशीला टुडू, बेबी टुडू, डॉ मुर्मू, सहिल टुडू, जितेंदर टुडू, शिभन्त टुडू, बबलू टुडू, डॉक्टर बेसरा, सुनील मार्डी, धर्मेंदर टुडू, बबलू टुडू, गुरुलोचन मार्डी, रोहिणी टुडू, छिता मार्डी, सुनीता मार्डी शामिल थे. [wpse_comments_template]
कांड्रा: आदिवासी मूलवासी भूमि रक्षा समिति ने निकाला मशाल जुलूस

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